Move to Jagran APP

़सौ वर्ष से एसजीपीसी ने परंपराओं व धरोहरों को संजोया : चीमा

सिख कौम की सर्वोच्च संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने अपने 100 वर्षों के इतिहास में समूचे सिख धर्म की परंपराओं व धरोहरों को संजो कर रखा।

By JagranEdited By: Published: Sat, 21 Nov 2020 06:29 PM (IST)Updated: Sun, 22 Nov 2020 05:25 AM (IST)
़सौ वर्ष से एसजीपीसी ने परंपराओं व धरोहरों को संजोया : चीमा
़सौ वर्ष से एसजीपीसी ने परंपराओं व धरोहरों को संजोया : चीमा

जागरण संवाददाता, फतेहगढ़ साहिब : सिख कौम की सर्वोच्च संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने अपने 100 वर्षों के इतिहास में समूचे सिख धर्म की परंपराओं व धरोहरों को संजो कर रखा। शिरोमणि कमेटी एक महान संस्था है जिसने सिख कौम के इतिहास को संजोया है। विश्व भर में जहां कहीं भी सिखों पर कोई मुसीबत आई तो इस संस्था ने सभी को अपने परिवार का सदस्य समझते हुए कंधे से कंधा मिलाकर मदद की। यह विचार शिरोमणि अकाली दल (बादल) के जिलाध्यक्ष जगदीप सिंह चीमा ने व्यक्त किए। वे गुरुद्वारा श्री ज्योति स्वरूप साहिब में एसजीपीसी सदस्यों, अधिकारियों व शिअद नेताओं संग एसजीपीसी के शताब्दी स्थापना दिवस पर चर्चा करने पहुंचे थे। चीमा ने कहा कि एसजीपीसी को राजनीति के साथ जोड़कर विरोध करने वाली संस्थाएं सिख कौम को आपस में बांटना चाहती हैं। ऐसी संस्थाएं किसी एजेंसी या साजिश के तहत काम कर रही हैं कि सिख एक प्लेटफार्म पर इकट्ठे नहीं हो सकें। इन संस्थाओं को सिखों को समर्थन देने के बजाय मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए, ताकि सिख कौम की एकता बरकरार रहे और अन्य लोगों को भी सीख मिले। एसजीपीसी सदस्य करनैल सिंह पंजोली और शिअद प्रवक्ता एडवोकेट अमरदीप सिंह धारनी ने धर्म, शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में एसजीपीसी द्वारा किए सराहनीय कार्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि राजनीति को धर्म से नहीं जोड़ना चाहिए। इस दौरान 25 से 27 दिसंबर तक होने वाली शहीदी सभा की तैयारियों को लेकर भी विचार विमर्श किया गया। इस अवसर पर एसजीपीसी सदस्य अवतार सिंह रिया, मैनेजर बलविदर सिंह भमारसी भी मौजूद रहे।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.