शिअद ले रहा आइएएस दरबारा सिंह गुरु की परीक्षा
भले ही अकाली दल ने अपने पूर्व प्रिसिपल सचिव दरबारा सिंह गुरु (66) को लोकसभा अराक्षित क्षेत्र फतेहगढ़ साहिब से अपना उम्मीदवार उतारा है कितु दरबारा सिंह गुरु अपने राजनीतिक कॅरियर में पिछले आठ सालों से शिअद की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर सके।
लखवीर सिंह लक्की, फतेहगढ़ साहिब
भले ही अकाली दल ने अपने पूर्व प्रिसिपल सचिव दरबारा सिंह गुरु (66 वर्ष) को लोकसभा आरक्षित सीट फतेहगढ़ साहिब से अपना उम्मीदवार उतारा है। मगर, दरबारा सिंह गुरु अपने राजनीतिक कॅरियर में पिछले आठ साल से शिअद की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरे हैं। कह सकते हैं कि आइएएस अधिकारी दरबारा सिंह गुरु पिछले आठ साल से शिअद के लिए अपनी परीक्षा दे रहे हैं, जिसमें वह दो बार फेल हो चुके हैं और शिअद ने हमेशा ही इस पूर्व आइएएस अधिकारी को पास करने के लिए उनका पूरा ख्याल रखा है।
शिअद ने आइएएस दरबारा सिंह गुरु को 2017 के विधानसभा चुनाव में बस्सी पठाना हलके से उम्मीदवार उतारा था, जो कांग्रेस के 12वीं पास उम्मीदवार एवं गुरप्रीत सिंह जीपी से 24,273 वोटों से चुनाव हार कर तीसरे नंबर पर रहे थे। जबकि दूसरे नंबर पर आम आदमी पार्टी के संतोख सिंह सलाणा थे।
इससे पहले 2012 के चुनावों में शिअद ने गुरु को भदौड़ हलका से कांग्रेस के उम्मीदवार मोहम्मद सद्दीक के मुकाबले विस चुनाव में उतारा था, जहां वह 6969 वोटों से हार गए थे।
2017 के चुनाव हारने के बाद भी शिअद ने गुरु पर अपना विश्वास कायम रखा और उन्हें शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की श्री गुरु ग्रंथ साहिब विश्व यूनिवर्सिटी चौथी शताब्दी ट्रस्ट का सचिव नियुक्त किया। करीब डेढ़ साल पहले जैसे ही शिअद ने गुरु को विश्व यूनिवर्सिटी का ट्रस्ट सचिव लगाया, तो कतार में बैठे अन्य नेताओं में सियासी घमासान मच गया था कि दरबारा सिंह गुरु शिरोमणि कमेटी के इस ओहदे के लिए सिख रहत मर्यादा में नहीं हैं और उन्होंने अपने दाढ़ी भी आधी रखी हुई थी। इस विरोध के बाद दरबारा सिंह गुरु को मजबूरी में दाढ़ी रखनी पड़ी और वह अभी भी अपने ओहदे पर बने हुए हैं। वहीं खुली दाढ़ी से ही अपने हलके की चुनावी सरगर्मियों में हिस्सा लेते हैं और शिअद ने उन्हें बस्सी पठाना में अपना हलका इंचार्ज भी नियुक्त किया हुआ है।
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अगर जीपी बने उम्मीदवार, तो एक बार फिर होगा मुकाबला
दरबारा सिंह गुरु ने अपने नाम की घोषणा होने के बाद अपना चुनाव प्रचार तेज कर दिया है। वहीं दूसरी ओर हमेशा अकाली दल के उम्मीदवार की घोषणा का इंतजार करने वाली कांग्रेस ने अभी अपना उम्मीदवार नहीं उतारा है। गौर हो कि कांग्रेस हाईकमान के पास बस्सी पठाना के विधायक गुरप्रीत सिंह जीपी और अमरगढ़ से आइएएस अधिकारी डॉ. अमर सिंह के नाम का पेंच फंसा हुआ है, जो जल्द ही स्पष्ट हो जाएगा। वहीं, राजनीतिक सूत्रों के अनुसार क्यास यह भी लगाए जा रहे हैं कि जीपी के नाम पर मौहर लग सकती है। ऐसे में अगर यह हुआ, तो एक बार फिर से दरबारा सिंह गुरु और गुरप्रीत सिंह जीपी के बीच रोचक टक्कर होगी।