युवाओं ने रोजगार मेले में नहीं दिखाया उत्साह
पंजाब सरकार की तरफ से घर-घर रोजगार मिशन के तहत प्रदेश के विभिन्न संस्थानों में रोजगार मेले लगाए जा रहे हैं।
धरमिदर सिंह, फतेहगढ़ साहिब
पंजाब सरकार की तरफ से घर-घर रोजगार मिशन के तहत प्रदेश के विभिन्न संस्थानों में रोजगार मेले लगाए जा रहे हैं। लेकिन इन मेलों में कंपनियां व युवाओं की दिलचस्पी कम होने से सरकार का यह मिशन फेल साबित हुआ है। शुक्रवार को श्री गुरु ग्रंथ साहिब विश्व यूनिवर्सिटी में लगे रोजगार मेले में युवाओं का उत्साह दिखाई नहीं दिया। इसका कारण जिला रोजगार व कारोबार ब्यूरो की ढीली कार्यशैली और रोजगार मेले का कम प्रचार भी रहा। मात्र तीन सौ लोगों ने आनलाइन आवेदन किया था। मौके पर दो सौ के करीब अन्य युवाओं को बुलाना पड़ा। इनमें से ज्यादातर यूनिवर्सिटी के छात्र थे। यूनिवर्सिटी की तरफ से इस रोजगार मेले को सफल बनाने के लिए काफी प्रयास किए गए थे जबकि यह उनकी जिम्मेदारी भी नहीं थी। लेकिन जिनके कंधों पर रोजगार मेले की जिम्मेदारी थी, वे इसे लेकर गंभीर दिखाई नहीं दिए। इतना जरूर रहा कि यूनिवर्सिटी के प्रबंधों का क्रेडिट सरकार के विभाग ने लेने की कोई कमी नहीं छोड़ी।
रोजगार मेले में भाग लेने पहुंचे कुछ युवाओं ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कंपनियां कम से कम वेतन पर चयन करती हैं। यह एक प्रकार का शोषण होता है। ग्रेजुएट को ज्यादा से ज्यादा 10 से 12 हजार रुपये का वेतन दिया जाता है। जिसमें 12 घंटे काम लिया जाता है। यह नौकरी पक्की रहेगी, इसकी भी कोई गारंटी नहीं होती। इसी कारण युवा इन रोजगार मेलों में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। मजबूरी में फंसे युवा ही कुछ समय के लिए काम की तलाश में मेलों में भाग लेते हैं। उधर, यूनिवर्सिटी में लगे इस मेले का शुभारंभ वाइस चांसलर डा. प्रितपाल सिंह ने किया। प्रचार का समय कम मिला : प्लेसमेंट अधिकारी
प्लेसमेंट अधिकारी जसविदर सिंह ने कहा कि पांच सौ के करीब युवा रोजगार मेले में आए थे। तीन सौ ने आनलाइन आवेदन किया था। दो सौ सीधे पहुंचे। तारीख नजदीक होने कारण प्रचार का समय कम मिला। कम वेतन वाली कोई बात नहीं है। जैसी प्रत्याशी की स्किल होती है, वैसा वेतन दिया जाता है। उनका प्रयास रहता है कि ज्यादा से ज्यादा युवाओं को रोजगार दिलाया जाए।