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गंभीर चुनौतियों के सामने के लिए सिख पंथ हो एकजुट : लोंगोवाल

ाी गुरु ग्रंथ साहिब व‌र्ल्ड यूनिवर्सिटी के श्री गुरु ग्रंथ साहिब धर्म अध्ययन विभाग द्वारा शिरोमणि गुरुद्वारा कमेटी उद्देश्य स्थापना और प्राप्तियां विषय पर आनलाइन वेबिनार करवाया गया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 13 Nov 2020 05:36 PM (IST)Updated: Fri, 13 Nov 2020 08:13 PM (IST)
गंभीर चुनौतियों के सामने के लिए सिख पंथ हो एकजुट : लोंगोवाल

संवाद सहयोगी, फतेहगढ़ साहिब :

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श्री गुरु ग्रंथ साहिब व‌र्ल्ड यूनिवर्सिटी के श्री गुरु ग्रंथ साहिब धर्म अध्ययन विभाग द्वारा शिरोमणि गुरुद्वारा कमेटी उद्देश्य, स्थापना और प्राप्तियां विषय पर आनलाइन वेबिनार करवाया गया। इस मौके कमेटी के 100वें स्थापना दिवस को समर्पित इस समारोह के दौरान यूनिवर्सिटी चांसलर और प्रधान शिरोमणि कमेटी भाई गोबिद सिंह लोंगोवाल ने कहा कि कमेटी हर समय मानवता की सेवा के लिए तत्पर है। सिख पंथ को कमेटी की स्थापना की पहली शताब्दी की शुभकामनाएं देते कहा कि आज उनके सामने गंभीर चुनौतियां हैं, जिसके टाकरे के लिए पूरे खालसा पंथ को एकजुट होना चाहिए।

यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डा. प्रितपाल सिंह ने कहा कि शिरोमणि कमेटी की स्थापना भारत की आजादी लहर का धुरा माना जाता है। शिरोमणि कमेटी सिख पंथ की महान कुर्बानियों के बाद प्राप्त हुई और इस संस्था ने गुरुद्वारा साहिब के प्रबंध के बिना समाज सुधार, शिक्षा और सिख पंथ की चढ़दीकलां के लिए अहम योगदान दिया है। वेबिनार में मुख्य वक्ता के तौर पर शामिल हुए डा. परमवीर सिंह ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को समय-समय पर दर्पेश चुनौतियों संबंधी, डा. अमरजीत सिंह ने शिरोमणि कमेटी की स्थापना मौके बरतानवी हकूमत की सिखों के प्रति नीति, डा. गुरजिदर सिंह ने कमेटी की स्थापना के लिए किए गए संघर्ष के बारे में जानकारी दी। उन्होने कहा कि विभिन्न हकूमतों द्वारा समय-समय पर सिख धर्म के गुरुद्वारा साहिब के प्रबंध, मर्यादा और प्रचार प्रसार में बाधा डाली गई, जिससे निपटने के लिए खालसा पंथ हमेशा तत्पर रहा। डीन अकादमिक डा. सुखविदर सिंह बिलिग ने कहा कि गुरुद्वारों के प्रबंध, मानवता की भलाई और शिक्षा के क्षेत्र में कमेटी द्वारा बहुमूल्य योगदान डाला गया है। इस अवसर पर डीन एलुमनी डा. बीरबिक्रम सिंह, डा. किरनदीप कौर, डा. हरदेव सिंह आदि उपस्थित थे।


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