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सफलता के लिए एकाग्रचित्त होना पड़ेगा : मुनि कुमार अलोक

सफलता के लिए हमें एकाग्रचित्त होकर अपना सब कुछ दांव पर लगाना होता है इसलिए मनोयोग व मनोबल से किया कर्म सार्थक परिणाम देता है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 May 2021 07:22 PM (IST)Updated: Mon, 10 May 2021 07:22 PM (IST)
सफलता के लिए एकाग्रचित्त  होना पड़ेगा : मुनि कुमार अलोक
सफलता के लिए एकाग्रचित्त होना पड़ेगा : मुनि कुमार अलोक

संवाद सहयोगी, मंडी गोबिदगढ़ : सफलता के लिए हमें एकाग्रचित्त होकर अपना सब कुछ दांव पर लगाना होता है, इसलिए मनोयोग व मनोबल से किया कर्म सार्थक परिणाम देता है। भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि मनुष्य अपने विश्वास से निर्मित होता है। जैसा वह विश्वास करता है वैसा वह बन जाता है। व्यक्ति जो चाहे बन सकता है यदि वह विश्वास के साथ इच्छित वस्तु पर लगातार चितन करे। हर व्यक्ति का विश्वास उसकी प्रकृति के अनुसार होता है, इसलिए विश्वास की शक्ति को पहचानें। जब मनुष्य किसी योजना पर काम करना शुरू कर दे तो उसे असफलता का डर अपने दिलोदिमाग से निकाल देना चाहिए और कभी भी शुरू किए कार्य को अधूरा नहीं छोड़ना चाहिए। जो लोग पूरे मनोयोग से अपने कार्य को अंजाम देते हैं, अंतत: वे ही सफलता प्राप्त करते हैं। ये बातें मनीषी संत मुनि श्री विनय कुमार अलोक ने कहे। मुनिश्री गोयल कालोनी में यश पाल जैन जी के यहां रुके हैं। उन्होंने कहा कि कार्य को सफलतापूर्वक करने की जो तत्कालिक खुशी व्यक्ति को मिलती है वही उसका इनाम है। इसलिए कार्य को पूर्णता से करने पर भी यदि व्यक्ति को किसी कारण से सफलता नहीं मिलती तो वह इतना दुख नहीं देती है जितना बेमन से किए गए कार्य को करने के बाद मिलने वाली असफलता से दुख महसूस होता है।

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