फतेहगढ़ साहिब में विधायक नागरा और एसजीपीसी आमने-सामने, प्रोजेक्ट की जमीन बनी विवाद की जड़
विधायक कुलजीत सिंह नागरा के प्रयास से टूरिज्म मंत्री चरनजीत सिंह चन्नी ने कुछ महीने पहले ज्योति स्वरूप चौक पर सुंदरीकरण के प्राेजेक्ट की शुरुआत करवाई थी। अब एसजीपीसी ने यह जमीन अपनी बताई है। इससे विवाद खड़ा हो गया है।
फतेहगढ़ साहिब [धरमिंदर सिंह]। शहीदों की धरती फतेहगढ़ साहिब में चल रहे सुंदरीकरण के प्रोजेक्ट को लेकर पंजाब सरकार और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी आमने-सामने गए हैं। कुछ महीने पहले विधायक कुलजीत सिंह नागरा के शुरु करवाए विकास कार्याें में उस समय रुकावट पैदा हो गई, जब एसजीपीसी की एक टीम ने वीरवार को बाबा बंदा सिंह बहादुर इंजीनियरिंग कालेज के बाहर बनाए जा रहे थड़ों को हथौड़े से तोड़ दिया। इससे रोष में आए विधायक कुलजीत सिंह नागरा वर्करों के साथ सरहिंद-मोरिंडा रोड पर धरने पर बैठ गए। विधायक की पत्नी मनदीप कौर नागरा भी धरने पर बैठीं।
विधायक कुलजीत सिंह नागरा के प्रयास से टूरिज्म मंत्री चरनजीत सिंह चन्नी ने कुछ महीने पहले ज्योति स्वरूप चौक पर सुंदरीकरण के प्राेजेक्ट की शुरुआत करवाई थी। इसके तहत चौक में बाबा बंदा सिंह बहादुर का बुत लगाया जाना था। इसके अलावा ज्योति स्वरूप चौक से लेकर गुरुद्वारा ज्योति स्वरूप साहिब तक सड़क का सुंदरीकरण कर इंटरलाक टाइलें लगाकर किया जा रहा है। वीरवार को बाद दोपहर एसजीपीसी मुलाजिमों ने बनाए जा रहे थड़ों को हथौड़े से तोड़ दिया। इसके कारण विधायक कुलजीत सिंह नागरा अपने वर्करों के साथ धरने पर बैठ गए।
विधायक नागरा ने कहा कि यहां ओपन अजायब घर बनाया जा रहा है जिसमें सिख इतिहास से संबंधित बुत लगाए जाने हैं ताकि लोगों को सिख इतिहास की जानकारी मिल सके लेकिन एसजीपीसी ने इन्हें तोड़ कर जो काम किया है बहुत ही निंदनीय है। दूसरी तरफ गुरुद्वारा श्री फतेहगढ़ साहिब के मैनेजर कर्म सिंह ने कहा कि यह जगह एसजीपीसी की है। वह इसके संबंध में कई बार उन्हें कह चुके थे, लेकिन बिना मंजूरी लिए अवैध तरीके से यह निर्माण किया गया। जिसके कारण उन्होंने इसे गिरा दिया। यह भी कहा कि वह किसी भी हालत में अवैध कब्जे व निर्माण होने नहीं देंगे।