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युवक को बंधक बनाने का आरोप, लिप नेता कंग पर केस

खन्ना पुलिस ने लोक इंसाफ पार्टी (लिप) के खन्ना हलका इंचार्ज सरबजीत ¨सह कंग सीआर के खिलाफ एक युवक को अगवा कर उसे अपने नशा छुड़ाओ केंद्र में बंधक बनाकर रखने के आरोप में केस दर्ज किया है।

By Edited By: Published: Wed, 02 Dec 2020 05:23 AM (IST)Updated: Wed, 02 Dec 2020 05:23 AM (IST)
युवक को बंधक बनाने का आरोप, लिप नेता कंग पर केस
सरबजीत ¨सह कंग सीआर के खिलाफ केस दर्ज किया है।

जागरण संवाददाता, खन्ना : खन्ना पुलिस ने लोक इंसाफ पार्टी (लिप) के खन्ना हलका इंचार्ज सरबजीत ¨सह कंग सीआर के खिलाफ एक युवक को अगवा कर उसे अपने नशा छुड़ाओ केंद्र में बंधक बनाकर रखने के आरोप में केस दर्ज किया है। पुलिस ने युवक को छुड़ा लिया है, लेकिन कंग अभी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। बताया जाता है कि कंग दिल्ली में किसानों के आंदोलन में शामिल होने के लिए गए हैं। पुलिस के मुताबिक मालेरकोटला रोड निवासी सिमरनजीत कौर ने बताया कि दो साल पहले उसका विवाह रिप्पलदीप ¨सह के साथ हुआ था। उसका पति नशे का आदी था। इस कारण घर में झगड़ा ही रहता था। सरबजीत ¨सह कंग उसके पति का दोस्त था। सरबजीत ने खन्ना में हाईवे पर विश्वास पुनर्वास केंद्र नाम से नशा छुड़ाओ केंद्र खोला है। वह उसके पति का नशा छुड़ाने का भरोसा देकर रिप्पलदीप को फरवरी में अपने केंद्र में ले गया और उनसे प्रतिमाह पांच हजार रुपये फीस लेने की बात कही। सिमरनजीत कौर के अनुसार सरबजीत ने उसके पति को केंद्र में दाखिल किया तो मई में ही रिप्पलदीप ने नशा करना छोड़ दिया। इस पर कंग ने सरबजीत से नशा छुड़ाने के बदले 30 हजार रुपये की और मांग की। जब उसने और पैसे देने से मना किया तो कुछ दिन पहले सरबजीत ¨सह 15-20 व्यक्तियों के साथ 3-4 गाड़ियों में आया और उसके पति को उठा ले गया। युवक को बरामद कर लिया है : एसएचओ थाना सिटी -2 के प्रमुख लाभ ¨सह ने कहा कि उन्होंने मामला दर्ज कर रिप्पलदीप ¨सह को केंद्र से बरामद कर लिया है। उसे परिवार के हवाले कर दिया गया है। सरबजीत ¨सह के खिलाफ मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है। पुलिस ने झूठा केस दर्ज किया है : कंग लिप नेता सरबजीत ¨सह कंग ने कहा कि पुलिस की तरफ से झूठा मामला दर्ज किया गया है। रिप्पलदीप ¨सह की पत्नी सिमरनजीत कौर ने अपने पति को नशा छुड़ाने के लिए कागजी कार्यवाही पूरी कर केंद्र में दाखिल करवाया गया था। ठीक होने पर जब 10 महीने बाद फीस मांगी तो फीस न देने के लिए यह अगवा और बंदी बनाने का नाटक रचा गया है।

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