थोड़े से सत्संग से भी कल्याण हो जाता है : मुनि देवेंद्र
शास्त्री नगर स्थित तेरा पंथ भवन में आयोजित समारोह में मुनि अक्षय कुमार पधारे।
संवाद सहयोगी, मंडी गोबिंदगढ़ : शास्त्री नगर स्थित तेरा पंथ भवन में आयोजित समारोह में मुनि अक्षय कुमार पधारे। इस दौरान उन्होंने 'सत्संग दे विच आओ' भजन गाकर समा बांध दिया। मुनि सुपार्श्व कुमार जी ने एक पंजाबी भजन 'ए चोला मिलेया बड़ी मुश्किल लाल दाग ना ला लवीं' प्रस्तुत किया जिससे उपस्थित जनसमूह झूम उठा।
मुनि आर्जव कुमार ने अपने तत्वज्ञान की प्रस्तुति से श्रावकों का मन जीत लिया। मुनि स्वास्तिक कुमार जी ने 'ओ दूर के मुसाफिर मंजिल ना भूल जाना' भजन से इंसान को अपनी मंजिल की याद दिलाई। मुनि देवेंद्र कुमार जी ने अपने प्रवचन में कहा कि धर्म के लिए समय मिलना बड़ा कठिन है पर थोड़े से सत्संग से भी कल्याण हो जाता है सत्संग बहुत भाग्य से मिलता है। शासन श्री मुनि श्री विमल कुमार जी ने अपने प्रवचन में सत्य के बारे में बताया कि सत्य हमेशा बोलना चाहिए पर ऐसा सत्य मत बोलो जिससे किसी को दुख हो कष्ट हो हिसा हो ऐसे सत्य से मौन भला है।
इससे पूर्व मंडी गोबिदगढ़ वासी उन एतिहासिक पलों के साक्षी बने जिसमें मंडी गोबिदगढ़ में पहली बार तीन जैन संतों के सिघाड़ों का आध्यात्मिक मिलन हुआ। सभी संत तेरापंथ भवन रेलवे रोड मंडी गोबिदगढ़ में विराज रहे हैं। शासन श्री मुनि विमल कुमार जी ठाणा 4 और मुनि स्वास्तिक कुमार जी ठाणा 2 मंडी गोबिदगढ़ में पधारे और मंडी गोबिदगढ़ में विराजित मुनिश्री देवेंद्र कुमार जी ठाणा 2 पहले से मंडी गोबिदगढ़ में थे। इस मौके पूरा जैन समाज पलकें बिछाए इन पलों के साक्षी बनने के लिए इंतजार कर रहा था। सुबह जब संत खन्ना से विहार करके मंडी गोबिदगढ़ पधारे तो रास्ते में सीए सुनील खुल्लर के जीटी रोड कार्यालय पर मुनि देवेंद्र कुमार जी ठाणा 2 ने आए हुए संतों की अगवानी की। वहां से मुनि देवेंद्र कुमार आए हुए संतों को प्रेम पूर्वक तेरापंथ भवन में ले गए।
इस अवसर पर मंच से सुरेंद्र मित्तल चेयरमैन और सुनील खुल्लर, महामंत्री पंजाब प्रांतीय श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा ने मंच से अपने विचार पेश किए और मुनियों का आभार जताया। उमा सिगला ने अपनी मधुर आवाज में एक भजन प्रस्तुत किया जबकि उपस्थित श्रावकों में रमेश मित्तल, सावित्री मित्तल, लक्ष्मी मित्तल, जीवन सिगला, उमा सिगला, विजय सिगला, संतोष सिगला, सुशील जैन, नरेश जैन, प्रवीन जैन, बृज जैन, पीयूष जैन, रजत जैन, जिनेश जैन, विपिन जैन, रामनिवास जैन, संदीप जैन, निशा जैन समेत अनेकों श्रावक उपस्थित थे।