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चुनावी समर में पार्टी की नीतियों व चेहरों का सहारा

क्या चुनाव पार्टी नीतियों पर लड़ रहे हैं या चेहरे पर? पंजाब में शिअद के प्रकाश सिंह बादल और केंद्र में बीजेपी के पीएम नरेंद्र मोदी दोनों चेहरों की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अहम पहचान हैं। दूसरा नरेंद्र मोदी की जनकल्याणकारी नीतियों को अकाली दल ने हमेशा ही पंजाब के लोगों को लाभांवित किया है और केंद्रीय स्कीमों का लाभ हर वर्ग को बराबर दिया है। मैं पार्टी नीतियों व चेहरों दोनों को मुख्य रखकर चुनाव लड़़ रहा हूं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 17 May 2019 07:14 PM (IST)Updated: Sat, 18 May 2019 06:25 AM (IST)
चुनावी समर में पार्टी की नीतियों व चेहरों का सहारा
चुनावी समर में पार्टी की नीतियों व चेहरों का सहारा

लखवीर सिंह लक्की,

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फतेहगढ़ साहिब

लोकसभा चुनाव के तहत शुक्रवार को सातवें चरण का प्रचार थमने के बाद फतेहगढ़ साहिब हलके के मुद्दों तथा पिछले पांच साल के हिसाब-किताब की समीक्षा करने के लिए 'दैनिक जागरण' ने कांग्रेस, शिअद-भाजपा, पीडीए व आप के उम्मीदवारों से सवाल पूछकर उनकी नब्ज टटोली है, ताकि जीतने से पहले और बाद में उनकी प्रतिक्रिया में कोई अंतर ना आए। सभी पार्टियों के अहम उम्मीदवारों ने पार्टी की नीतियों पर ही चुनाव लड़ने की बात कही है। इन्होंने पार्टी के चेहरे को लेकर ही चुनाव प्रचार किया है और उसके बलबूते पर ही लोगों से वोट मांगे हैं। वहीं रिवायती पार्टियों (कांग्रेस, शिअद-भाजपा) ने एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाकर हलके का विकास न करवाने की बात कही है, जबकि नए उम्मीदवारों ने हलके को अनदेखा कर मूलभूत सुविधाओं की कमी का अभाव पेश किया है। वहीं सभी ने खुद को मजबूत उम्मीदवार के तौर पर सांसद बनने की मोहर लगाई है। उम्मीदवारों से आमने-सामने की गई बात के अंश। 1. शिअद-भाजपा प्रत्याशी दरबारा सिंह गुरु क्या चुनाव पार्टी नीतियों पर लड़ रहे हैं या चेहरे पर?

पंजाब में शिअद के प्रकाश सिंह बादल और केंद्र में भाजपा के पीएम नरेंद्र मोदी की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अहम पहचान हैं। मोदी की जनकल्याणकारी नीतियों को अकाली दल ने हमेशा पंजाब के लोगों को लाभान्वित किया है और केंद्रीय स्कीमों का लाभ हर वर्ग को बराबर दिया है। पार्टी नीतियों व चेहरों दोनों को मुख्य रखकर चुनाव लड़ रहा हूं। 2. कौन से तीन कारण हैं कि लोग आपको वोट देंगे?

शिअद-भाजपा का संगठित होना, जहां से केंद्रीय व प्रदेश स्तरीय स्कीमें बनती रही हैं और लोगों को उनका लाभ भी मिलता रहा है। चाहे वह आटा-दाल स्कीम है, पेंशन, शगुन स्कीम, बुढ़ापा पेंशन व सेहत सेवा आदि। इन स्कीमों को कांग्रेस ने बंद कर दिया है और लोग दोबारा अकाली दल-भाजपा को याद कर रहे हैं। वहीं सबसे अहम कारण यह है कि हमारी सरकार ने सभी धर्मो को बराबर का सत्कार दिया और सरकारी पैसे का सही इस्तेमाल किया है। 3. राष्ट्रवाद को इस बार चुनाव में कितना बड़ा मुद्दा मानते हैं?

नरेंद्र मोदी मजबूत पीएम हैं। देश को ऐसे प्रधानमंत्री की जरूरत है जो देश की फिक्र करते हैं। देश उनके हाथों में सुरक्षित है। पुलवामा आतंकी हमले का जवाब एयर स्ट्राइक से देने वाले कमजोर पीएम नहीं हो सकते। 4. पांच साल में संसदीय क्षेत्र में क्या अधूरा रह गया?

पहले जैसा विकास इस हलके में देखने को नहीं मिला। आम आदमी पार्टी के सांसद हरिदर सिंह खालसा सांसद बनने के बाद हलके के लोगों का धन्यवाद तक नहीं कर सके। विकास न के बराबर रहा। पूरे हलके में सेहत सेवा, बेरोजगारी, पक्के घर तथा रोजगार के साधन मुहैया करवाने पर कोई काम नहीं हो सका, जबकि पिछले दस साल में अकाली दल की सरकार ने विकास कार्यो की कोई कमी नहीं छोड़ी। वहीं मंडी गोबिदगढ़ में न तो स्क्रैप का बड़ा यूनिट स्थापित हो सका, न ही पूरे हलके को केंद्रीय योजनाएं मिली। 5. कौन सी बड़ी रैली ने विरोधियों के पसीने छुड़वाए?

अकाली-भाजपा गठबंधन ने लोकसभा चुनाव का बिगुल बजने से लेकर अंतिम प्रचार तक पूरी मजबूती से नौ विधानसभा हलका के लाखों वोटरों पर केंद्र की स्कीमों तथा अकाली दल की नियत और नीतियों पर प्रचार किया। हर हलके में चुनावी रैली कर चुके हैं। नौ रैलियां बहुत मजबूती से हुई हैं। सभी रैलियों में लोगों का हुजूम देखने को मिला। जिससे साबित हो गया है कि लोग गठबंधन को दोबारा सत्ता सौंपने चाहते हैं।

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कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. अमर सिंह 1. क्या चुनाव पार्टी नीतियों पर लड़ रहे हैं या चेहरे पर?

पार्टी की नीतियों पर ही चुनाव लड़ रहा हूं, क्योंकि कांग्रेस ने घोषणा पत्र में यूथ की बात की है। बेरोजगार परिवारों को 72 हजार रुपये महीना, मनरेगा के तहत लोगों को डेढ़ सौ दिन का रोजगार, नया औद्योगिक यूनिट लगाने के लिए पहले तीन साल कोई एनओसी की जरूरत न होना समेत जनकल्याणकारी योजनाओं तथा पार्टी प्रधान राहुल गांधी का चेहरा लेकर चुनाव लड़ रहा हूं। 2. कौन से तीन कारण हैं कि लोग आपको वोट देंगे?

जिदगी के 35 साल केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में बतौर प्रमुख अधिकारी गुजारे हैं। कौन सा काम कैसे करवाना है बखूबी जानता हूं। खेत मजदूर का बेटा हूं। लोगों की नब्ज अच्छी तरह समझता हूं। नौकरी हमेशा ईमानदारी से की है और पढ़ा-लिखा होने का लाभ हलके के लोगों को दूंगा। यह साफ है कि केंद्र और पंजाब में लोग अकाली दल को नकार चुके हैं। पिछले दस साल में अकाली-भाजपा ने केंद्र और राज्य में कुछ नहीं किया। लोग इस बार केंद्र में जरूर सत्ता परिवर्तन करेंगे। सबसे अहम कारण पीएम मोदी के अच्छे दिन, बैंक खातों में 15 लाख के दावे, नोटबंदी और जीएसटी जैसे बड़े फैसले जिससे लोग ऊब चुके हैं और इस बार जवाब देने को बेताब हैं। 3. राष्ट्रवाद को चुनाव में कितना बड़ा मुद्दा मानते हैं?

देश की सुरक्षा का मामला सबसे अहम है। देश से बढ़कर कुछ नहीं है, लेकिन भाजपा के हाथों में देश सुरक्षित नहीं है। पुलवामा आतंकी हमले का जवाब एयर स्ट्राइक से देने वाले पीएम मोदी खुद अभी तक दुश्मन देश में किए नुकसान का ब्यौरा नहीं दे सके। इससे पहले कांग्रेस के कार्यकाल में जितने भी हमले पाकिस्तान ने भारत पर किए उनका मुंह तोड़ जवाब दिया गया। 4. पांच साल में संसदीय क्षेत्र फतेहगढ़ साहिब में क्या अधूरा रह गया?

दस साल अकाली-भाजपा की सरकार रही, लेकिन हलके को सुख-सहूलियत नहीं दे पाई। हलके में गरीब और गरीब हो रहे हैं। एक सांसद की जिम्मेदारी बनती है कि वह इलाके की समस्याओं को संसद में उठाए और वहां से बड़ी वित्तीय ग्रांट लाकर हलके में लगाए। अफसोस है कि आम आदमी पार्टी के सांसद हरिदर सिंह खालसा ने एक भी ऐसा प्रोजेक्ट और जनकल्याणकारी काम नहीं किया। आज हलके की सभी सड़कों का बुरा हाल है, सेहत सेवा अच्छी नहीं व युवाओं के लिए रोजगार नहीं। मंडी गोबिदगढ़ में स्क्रैप का यूनिट लगाना जरूरी था। बाहर से स्क्रैप मंगवाकर पड़ोसी राज्यों से मुकाबला करने में पिछड़ रहे हैं। जिसे सांसद बनने के बाद पूरा किया जाएगा। 5. कौन सी बड़ी रैली की

तीन बड़ी रैलियां की। सबसे अहम रैली खन्ना में करवाई, जहां पार्टी प्रधान राहुल गांधी की विचारधारा से प्रभावित होकर विरोधी पार्टियों के पसीने छूट गए। बड़ी संख्या में लोग इस रैली के बाद कांग्रेस से जुड़ गए हैं।

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पीडीए उम्मीदवार मनविदर सिंह 1. क्या चुनाव पार्टी नीतियों पर लड़ रहे हैं या चेहरे पर?

लोक इंसाफ पार्टी की नीतियों पर ही चुनाव लड़ रहा हूं। पार्टी के प्रमुख बलविदर सिंह बैंस और सिमरजीत सिंह बैंस एक नाम नहीं, विचारधारा है जो भ्रष्ट सिस्टम के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं। उनका आभारी हूं कि मुझ पर विश्वास जताया। अपने हलके खासकर शहीदों की धरती का सेवक हूं, कोई उम्मीदवार नहीं। 2.सवाल कौन से तीन कारण हैं कि लोग आपको वोट देंगे?

बतौर मल्टीनेशनल कंपनी में जनरल मैनेजर के पद पर था। अक्सर लोगों को अपनी जिदगी के बारे में बताता हूं। इंजीनियर की शिक्षा लेकर बड़ी कंपनी में 80 हजार रुपये की नौकरी छोड़कर शहीदों की धरती की सेवा करने का प्रण लिया है। किसी चीज की लालसा नहीं है। हर इलाके में लोगों का भरपूर समर्थन मिला है। बैंस बंधुओं का नाम एक पॉजीटिव सोच पर है, जिसे नौजवान दिल से पसंद करते हैं। लोग भ्रष्ट सिस्टम से दुखी हैं। पिछले समय में विभिन्न धार्मिक ग्रंथों की हुई बेअदबी का हिसाब अकाली दल और कांग्रेस से लोग मांग चुके हैं जो उन्हें नहीं मिला, जिस पर वह बदलाव चाहते हैं। 3. राष्ट्रवाद को इस बार चुनाव में कितना बड़ा मुद्दा मानते हैं?

देश की सुरक्षा को लेकर जो शपथ दिलाई जाती है, अगर उसे वोट बैंक की ताकत के लिए इस्तेमाल किया जाता है तो यह गिरी हुई सियासत होगी। देश में सभी मजहब महकते फूलों की तरह हैं। हर एक फूल की अपनी महक है। मगर, सत्ता सुख प्राप्त करने वाली मौकापरस्त ताकतें इन फूलों को पैरों से मसल कर चटनी बनाना चाहती हैं। 4. संसदीय क्षेत्र फतेहगढ़ साहिब में क्या अधूरा रह गया?

भले ही 2009 में फतेहगढ़ साहिब को पहली बार लोकसभा हलके का दर्जा मिला। मगर, जिला बने 27 साल बीत गए। पिछले कई साल से वह सुविधा इस हलके को नहीं मिली, जो चाहिए थी। शहीदों की धरती को संवारने का किसी भी सरकार ने बीड़ा नहीं उठाया। अगर सांसद बनने का मौका मिला, तो इलाके में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी। खास तौर पर गोबिदगढ़ की इंडस्ट्री, गांवों और शहरों को लिक करती कच्ची सड़कों को सुधारना, सेहत सेवा में सुधार, युवाओं के लिए रोजगार के साधन पैदा करने आदि की बेहद जरूरत है। 5. कौन सी बड़ी रैली ने विरोधियों के पसीने छुड़वाए हैं?

कोई रैली नहीं की, न ही चुनाव को लेकर कोई हो हल्ला। हर हलके के गांव और शहर में कांग्रेस, अकाली दल को करारी टक्कर जरूर दी है। लोक इंसाफ पार्टी की विचारधारा से प्रभावित होकर लोगों ने जहां कंधों पर उठाया है। वहीं पीडीए की एंट्री से विरोधी सकते में जरूर आ गए हैं। मुझे आशा है कि लोग इस बार जरूर इंसाफ करेंगे।

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आप उम्मीदवार बनदीप सिंह बन्नी दूलो 1. क्या चुनाव पार्टी नीतियों पर लड़ रहे हैं या चेहरे पर?

हां, आम आदमी पार्टी के दिल्ली मॉडल को पंजाब में लेकर चुनाव मैदान में उतरा हूं। दिल्ली में लोगों को पार्टी द्वारा दी जा रही सुख-सुविधाओं का जिक्र हर चुनावी सभा में किया गया है। अरविद केजरीवाल के चेहरे व उनकी नीतियों को मुख्य रखकर चुनाव लड़ रहा हू,ं ताकि पंजाब और केंद्र में भी कांग्रेस-शिअद मुक्त सरकार बनाई जा सके। 2. सवाल कौन से तीन कारण हैं कि लोग आपको वोट देंगे?

परिवार ही मेरी ताकत है। लोग दूलो परिवार को बहुत पसंद करते हैं। हमेशा उसूलों व ईमानदारी की सियासत की है। लोग वोट जरूर देंगे। युवा हूं और हर युवा के दर्द को समझता हूं। गांवों में पिता के विकास कार्यो से कमाए हुए नाम से आज भी लोग इतना प्यार दे रहे हैं कि संभाला नहीं जा रहा। यही हमारा वोट बैंक और ताकत है। सबसे अहम यह है कि लोग कांग्रेस और अकाली दल को नकार चुके हैं। दोनों का अहंकार इस चुनाव में टूट जाएगा और बड़ी संख्या में लोग आप की विचारधारा से सहमत हैं। 3. आप राष्ट्रवाद को इस बार चुनाव में कितना बड़ा मुद्दा मानते हैं?

जब आम लोगों को रोटी, कपड़ा और मकान तथा सुरक्षा नहीं मिल जाएगी, तब तक यह हमारे लिए राष्ट्रीय मुद्दा ही रहेगा। इसके लिए लगातार प्रयासरत हैं। 4. पिछले पांच साल में संसदीय क्षेत्र फतेहगढ़ साहिब में क्या अधूरा रह गया?

जब तक हरिदर सिंह खालसा आम आदमी पार्टी में शामिल थे, उन्होंने हर हलके में भरपूर ग्रांट बांटी है। गांव में बैठने के लिए बैंच दिए, श्मशानघाट, स्कूलों में नए कमरे बनवाने, गांवों की सड़कों, आरओ सिस्टम, बस्सी पठाना में पहला पासपोर्ट सेवा केंद्र समेत सारी ग्रांट का सही इस्तेमाल किया है। जब तक पंजाब में अकाली-भाजपा और कांग्रेस रही है, हलके का कुछ नहीं संवारा। गोबिदगढ़ की इंडस्ट्री, गांवों और शहरों को लिक करती कच्ची सड़कों को सुधारने, सेहत सेवा में सुधार, युवाओं के लिए रोजगार के साधन पैदा करने की बेहद जरूरत है। 5. कौन सी बड़ी रैली ने विरोधियों के पसीने छुड़वाए हैं?

हमने कोई रैली नहीं की। लेकिन नौ हलकों में ऐसा कोई इलाका और गांव नहीं छोड़ा जहां प्रचार नहीं किया हो। मेरी विरासती पहचान ने हमेशा अकाली दल और कांग्रेस समेत अन्य पार्टियों के उम्मीदवारों के पसीने छुड़वाए हैं।


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