18 वर्षों में शहीद की याद में नहीं लगी प्रतिमा और न ही बना एंट्री गेट
खमाणों 23 अक्तूबर 2002 को जम्मू-कश्मीर के द्रास सेक्टर में बम धमाके में शहीद हुए खमाणों के गांव पोहलोमाजरा के मलकीत सिंह की याद में पंजाब सरकार द्वारा किए वादे 18 वर्षों में भी वफा नहीं हो सके।
रविदर सिद्धू, खमाणों
23 अक्तूबर 2002 को जम्मू-कश्मीर के द्रास सेक्टर में बम धमाके में शहीद हुए खमाणों के गांव पोहलोमाजरा के मलकीत सिंह की याद में पंजाब सरकार द्वारा किए वादे 18 वर्षों में भी वफा नहीं हो सके। जिसके चलते एक तरफ शहीद परिवार का अपमान किया जा रहा है, वहीं सरकारों का शहीदों को लेकर रवैया भी सामने आया है। सियासी मंचों से सरकार के नुमाइंदे अनेक दावे करते हैं। लेकिन शहीदों के परिवारों को मिलकर जमीनी हकीकत और ही सामने आ रही है। वीरांगना प्यार कौर ने बताया कि उनके पति की शहादत के बाद गांव में भोग पर एलान किया गया था कि शहीद की याद में गांव में प्रतिमा लगाई जाएगी ओर स्कूल का नाम शहीद के नाम पर रखा जाएगा। गांव के एंट्री प्वाइंट पर शहीद के नाम पर गेट बनेगा और परिवार को दस मरले के प्लाट देने का वादा भी किया गया था। लेकिन 18 वर्षो के दौरान किसी ने एक भी वादा पूरा नहीं किया। वे सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटकर थक चुके हैं। वहीं, संविधान बचाओ देश बचाओ संघर्ष समिति ने कड़ी निदा की। समिति के प्रदेशाध्यक्ष धरमिदर सिंह लांबा ने कहा कि यह शहीद परिवार से अन्याय है। पंजाब सरकार को बिना किसी देरी के वादे पूरे करने चाहिए। परिवार के मुलाकात करेंगे : एसडीएम
खमाणों के एसडीएम परमजीत सिंह ने कहा कि उनके ध्यान में अभी यह मामला आया है। किसी भी शहीद परिवार से किए वादों को पहल के आधार पर पूरा किया जाएगा। वे शहीद के परिवार से मुलाकात करके सरकार को लिखकर भेजेंगे।