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अनुसूचित जातियों के लिए जारी हो 52 फीसद आरक्षण

फतेहगढ़ साहिब : अनुसूचित जाति और पिछड़ी श्रेणियां कर्मचारी फेडरेशन की एक प्रेस कांफ्रेंस फतेहगढ़ साहिब में बुलाई गई। प्रदेशाध्यक्ष अमरीक ¨सह ने बताया कि फेडरेशन द्वारा अनुसूचित जातियों को 52 फीसद आरक्षण की मांग को लेकर उन्होंने 31 मार्च को देशव्यापी प्रोग्राम बनाया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 21 Jan 2019 04:25 PM (IST)Updated: Mon, 21 Jan 2019 04:25 PM (IST)
अनुसूचित जातियों के लिए जारी हो 52 फीसद आरक्षण
अनुसूचित जातियों के लिए जारी हो 52 फीसद आरक्षण

जागरण संवाददाता, फतेहगढ़ साहिब : अनुसूचित जाति और पिछड़ी श्रेणियां कर्मचारी फेडरेशन की एक प्रेस कांफ्रेंस फतेहगढ़ साहिब में बुलाई गई। प्रदेशाध्यक्ष अमरीक ¨सह ने बताया कि फेडरेशन द्वारा अनुसूचित जातियों को 52 फीसद आरक्षण की मांग को लेकर उन्होंने 31 मार्च को देशव्यापी प्रोग्राम बनाया है। उन्होंने कहा कि 31 जनवरी को इन जातियों की आबादी के अनुपात के अनुसार 52 प्रतिशत आरक्षण की मांग कर जनरल वर्ग के आरक्षण की कॉपियां देश के विभिन्न हिस्सों में फूंकी जाएंगी और सरकारों को मांग पत्र भी सौंपे जाएंगे। अमरीक सिंह ंने कहा कि संविधान की धारा 15 और 16 के अनुसार सामाजिक और पढ़े लिखे वर्ग के साथ नाइंसाफी हुई है। 1950 के दशक में काका कलेर आयोग और 1980 में मंडल आयोग ने संविधान की भावना के अनुरूप देश के सामाजिक और पढ़े लिखे वर्गो की पहचान की गई। सामाजिक शिक्षा और आर्थिक मापदंडों वाले मंडल कमीशन ने देश की पिछड़ी जातियों की संख्या 52 फीसद है, लेकिन सरकार के आंकड़ों के मुताबिक 1990 में आरक्षण होने के बावजूद इन्हें ग्रुप एबीसी और डी में 27 फीसद कोटा अभी तक नहीं भरा गया और न ही इन जातियों को तरक्की में आरक्षण मिला। इन जातियों की मांग के बावजूद सरकार इनकी कोटा आबादी के हिसाब से 52 फीसद न बढ़ने का कारण हमेशा अदालत के फैसले पर छोड़ रही है, जबकि पिछड़ी श्रेणियों की हमेशा से मांग रही है कि आरक्षण को बढ़ाकर 52 प्रतिशत करना चाहिए। प्रदेश सलाहकार ने कहा कि मौजूदा कैप्टन सरकार के खिलाफ भी उनका भारी रोष है। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि 85वीं शौद्ध 16 जून 1995 से लागू करने के साथ-साथ पर्सोनल विभाग का 22.10.1999 से सर्कूलर भी वापस ले लें। इस मौके पर जिलाध्यक्ष हर¨वदर ¨सह रोणी, प्रदेश कानूनी सलाहकार प्रेम ¨सह, सुर्जन ¨सह, शिवचरण ¨सह मौजूद थे।

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