जिला प्रशासन से नाराज किसानों ने सरहिंद रोपड़ मार्ग पर लगाया धरना, गाड़ा तंबू
गाव आलमपुर सब डिविजन बस्सी पठाना में आते सरहिंद-रोपड़ मार्ग पर इलाके के किसानों ने जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली से दुखी होकर सुबह नौ बजे से धरना लगा दिया जोकि देर रात तक जारी था।
संसू, बस्सी पठाना : गाव आलमपुर सब डिविजन बस्सी पठाना में आते सरहिंद-रोपड़ मार्ग पर इलाके के किसानों ने जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली से दुखी होकर सुबह नौ बजे से धरना लगा दिया, जोकि देर रात तक जारी था। इस संबंधी गांव आलमपुर के सरपंच मनप्रीत सिंह ने बताया कि खरड़ का सीवरेज तथा औद्योगिक इकाइयों का दूषित पानी निर्माणाधीन सतलुज यमुना लिंक नहर में छोड़ दिया गया है। इस दूषित पानी के इलाके के कई गांवों में खेतों में घुसने से आलमपुर, कलौंदी, वजीदपुर, कंदीपुर, करीमपुरा, नरसिंहपुर, मंडला तथा अन्य कई गावों की लगभग 250 एकड़ भूमि पर खड़ी फसल खराब हो गई है।
दूषित पानी की वजह से इलाके का पानी पीने योग्य नहीं रह गया है। दूषित पानी के कारण यहां की जमीन को ठेके पर कोई लेने को तैयार नहीं है। जिन्होंने पहले ठेके पर जमीन ली है वह भी छोड़कर जा रहे हैं। ऐसे में यहां के लोगों को आर्थिक नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि अभी पांच छह दिन पहले जिला प्रशासन को इस संबंधी बताया थे लेकिन प्रशासन ने इस संबंधी कोई एक्शन नहीं लिया। इसी के परेशान होकर किसानों ने धरना दिया है। धरने में पहुंचे एसडीएम अशोक कुमार ने किसानों को लिखित में देने को कहा। वहीं, किसान इस बात पर अड़े रहे कि डीसी मौके पर आकर उनसे माग पत्र लें तथा लिखित में आश्वासन दें कि इतने दिन में समस्या का समाधान होगा। इस मौके पर तहसीलदार अवतार सिंह जंगू, डीएसपी अमरप्रीत सिंह तथा थाना अध्यक्ष हरविंदर सिंह मौजूद थे। मौके पर मौजूद किसान यूनियन लक्खोवाल के नेता हरमेल सिंह ने कहा कि अगर इस समस्या का समाधान नहीं निकला तो पक्के तौर पर धरना दे दिया जाएगा। जाम के कारण पुलिस ने ट्रैफिक को दूसरे रास्तों से डायवर्ट कर दिया था। खबर लिखे जाने तक धरना जारी थी। किसानों ने सड़क पर तंबू लगाकर खाने-पीने का इंतजाम कर लिया था। मौके पर गाव आलमपुर के सरपंच मनप्रीत सिंह, ब्लाक अध्यक्ष सतनाम सिंह, ठेकेदार अमृत सिंह नोगावा, करनैल सिंह किसान यूनियन लक्खोवाल, नंबरदार अमरीक सिंह, सुखविंदर सिंह नंबरदार आलमपुर, गुरिंदर सिंह वजीदपुर, गुरमीत सिंह कलौंदी, अवतार सिंह नरसिंगपुर मौजूद थे।