अब मत्तेवाड़ा जंगल इतिहास में गुमनाम हो जाएगा : डा. संदल
हाल ही के विधानसभा सत्र में भगवंत मान सरकार ने पंजाब के लुधियाना में सतलुज के तट पर स्थित एकमात्र जंगल मत्तेवाड़ा को तोड़कर एक इंडस्ट्रीयल पार्क में बदलने का दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय लिया है।
संवाद सहयोगी, मंडी गोबिदगढ़ : हाल ही के विधानसभा सत्र में भगवंत मान सरकार ने पंजाब के लुधियाना में सतलुज के तट पर स्थित एकमात्र जंगल मत्तेवाड़ा को तोड़कर एक इंडस्ट्रीयल पार्क में बदलने का दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय लिया है। चार हजार एकड़ में फैले इस जंगल ने मौजूदा समय में वन्यजीवों की सैकड़ों प्रजातियों को अपनी गोद में संरक्षित किया हुआ है। यह बात डा. अमित संदल, पूर्व सदस्य जिला सलाहकार समिति स्वास्थ्य विभाग फतेहगढ़ साहिब ने पत्रकारों से कही। उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान में राजमार्गों के आधुनिकीकरण के बाद अब पंजाब में केवल 3.50 प्रतिशत जंगल बचा है और सरकार ने मत्तेवाड़ा जंगल को साफ करने का फैसला किया है। जबकि अकाली-भाजपा सरकार ने पहले हजारों पेड़ों को उखाड़ फेंका था। इन पेड़ों के स्थानों पर नए पेड़ नहीं लगाए हैं। इंडस्ट्रीयल पार्क प्रदूषण पैदा करेगा और बीमारियों की घटनाओं को बढ़ाएगा, जिससे पर्यावरण प्रदूषित होगा। वातवारण प्रेमियों को मत्तेवाड़ा के जंगल को बचाने के लिए लड़ना चाहिए और यह फैसला सरकार को वापस लेना चाहिए ताकि वातावरण को सुरक्षित रखा जा सके।