कार्यशाला के चौथे दिन विरासत विषय पर की चर्चा
प्राचार्य डा. नीना सेठ पजनी के कुशल नेतृत्व में गोबिदगढ़ पब्लिक कालेज द्वारा आयोजित कला संगीत विरासत और रंगमंच पर आनलाइन छह दिवसीय कार्यशाला के चौथे दिन युवा कल्याण विभाग पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ के सहयोग से आयोजित की गई।
संवाद सहयोगी, मंडी गोबिदगढ़ : प्राचार्य डा. नीना सेठ पजनी के कुशल नेतृत्व में गोबिदगढ़ पब्लिक कालेज द्वारा आयोजित कला, संगीत, विरासत और रंगमंच पर आनलाइन छह दिवसीय कार्यशाला के चौथे दिन युवा कल्याण विभाग पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ के सहयोग से आयोजित की गई। दिन की शुरुआत मां सरस्वती के आह्वान के साथ हुई और विषय विरासत था। नवजोत सिंह मंडेर विशेषज्ञ, विरासत और संगीत संसाधन व्यक्ति थे। प्रो. सुषमा मिगलानी ने प्रतिभागियों को दिन की थीम और रिसोर्स पर्सन से परिचित कराया। कालेज प्राचार्य डा. नीना सेठ पजनी ने कार्यशाला के वर्चुअल प्लेटफार्म पर देश भर के विभिन्न संस्थानों के गणमान्य व्यक्तियों, संसाधन व्यक्ति नवजोत सिंह मंडेर का स्वागत किया। डा. नीना सेठ पजनी ने विभिन्न आयोजनों का हिस्सा बनने पर छात्रों को बधाई दी।
नवजोत सिंह ने विरासती संगीत से शुरुआत की। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि संगीत एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में प्रवाहित होता है। पूरे ब्रह्मांड की अपनी आवाजें, लय और संगीत है। उन्होंने लोक संगीत कलाकारों और इसमें शामिल लोगों के सामने आने वाली नई चुनौतियों के बारे में अपना बहुमूल्य ज्ञान प्रदान किया। कार्यशाला के लाइव सत्र में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और महाराष्ट्र के 150 से अधिक प्रतिभागी शामिल हुए।