फतेहगढ़ साहिब में गुरुता गद्दी दिवस को समर्पित समागम में पंजाब भर से श्रद्धालुओं ने लगाई हाजिरी
छोटे साहिबजादों बाबा फतेह सिंह व बाबा जोरावर सिंह और माता गुजरी जी की बेमिसाल कुर्बानी वाली पावन धरती के जिला फतेहगढ़ साहिब में श्री गुरु ग्रंथ साहिब के गुरुता गद्दी दिवस और श्री गुरु गोबिद सिंह के ज्योति ज्योत दिवस को समर्पित 40वां गुरमति समागम कराया गया।
जागरण संवाददाता, फतेहगढ़ साहिब : छोटे साहिबजादों बाबा फतेह सिंह व बाबा जोरावर सिंह और माता गुजरी जी की बेमिसाल कुर्बानी वाली पावन धरती के जिला फतेहगढ़ साहिब में श्री गुरु ग्रंथ साहिब के गुरुता गद्दी दिवस और श्री गुरु गोबिद सिंह के ज्योति ज्योत दिवस को समर्पित 40वां गुरमति समागम कराया गया। खालसा चेरिटेबल ट्रस्ट गुरमति विद्यालय जत्था रंधावा की तरफ से कराए इस समागम में पंजाब भर से श्रद्धालुओं ने हाजिरी लगाई। समागम में श्री अकाल तख्त साहिब के पूर्व जत्थेदार भाई रंजीत सिंह, संत बाबा लखवीर सिंह रतवाड़ा साहिब, गुरुद्वारा श्री फतेहगढ़ साहिब के हेड ग्रंथी भाई हरपाल सिंह, कथावाचक ज्ञानी गुरप्रीत सिंह, संत गुरमीत सिंह खोसा कोटला वाले ने भी समागम में उपस्थिति दर्ज करवाते हुए संगत को सिख इतिहास से अवगत करवाया। ट्रस्ट संचालक बाबा हरी सिंह रंधावा ने श्री गुरु गोबिद सिंह की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गुरु साहिब ने सिख धर्म को बचाने के लिए अपना परिवार कुर्बान कर दिया। छोटे साहिबजादों की शहादत की मिसाल दुनिया भर में कहीं नहीं मिलती और न ही मिल सकती है। इन कुर्बानियों से प्रेरणा लेकर समूचे सिखों का फर्ज बनता है कि वे सिख मर्यादा में रहते हुए गुरु साहिबानों की शिक्षाओं का अनुसरण करें। एसजीपीसी सदस्य भाई गुरप्रीत सिंह रंधावा ने बताया कि 40 वर्षो से उनके ट्रस्ट की तरफ से हर वर्ष श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के गुरुता गद्दी दिवस व श्री गुरु गोबिद सिंह जी के ज्योति ज्योत दिवस को समर्पित समागम करवाया जाता है। इस दिन गुरु गोबिद सिंह जी ने ज्योति ज्योत समाते हुए समूचे सिख धर्म को श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी को ही अपना गुरु धारण करने का संदेश दिया था।