संस्थाओं को 80 और निजी किसानों को 50 फीसद दी जाएगी सब्सिडी : डा. वालिया
मुख्य कृषि अधिकारी डा. सुरजीत सिंह वालिया ने बताया कि किसानों को फसलों के अवशेष नहीं जलाने के लिए प्रेरित करने के लिए सरकार ने पराली को संभालने वाली कृषि मशीनें अनुदान पर दी जा रही हैं।
संवाद सहयोगी, फतेहगढ़ साहिब :
मुख्य कृषि अधिकारी डा. सुरजीत सिंह वालिया ने बताया कि किसानों को फसलों के अवशेष नहीं जलाने के लिए प्रेरित करने के लिए सरकार ने पराली को संभालने वाली कृषि मशीनें अनुदान पर दी जा रही हैं। उन्होंने बताया कि इन आधुनिक कृषि मशीनों पर सरकार ने सहकारी सभाएं, किसानों की रजिस्टर्ड सोसाइटियों, रजिस्टर किसान ग्रुपों, ग्राम पंचायतों और फार्मर प्रोड्यूसर संस्थाओं को 80 फीसद और निजी किसानों को 50 फीसद सब्सिडी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि धान की पराली को खेतों में ही मिलने के लिए सहायक कृषि मशीनें, सुपर एसएमएस, हैप्पी सीडर, पैडी स्ट्राय चौपर, शरैडर, मलचर, हाइड्रोलिक रिवरसीबल एमबी प्लो, जीरो टिल ड्रिल, सुपर सीडर और खेतों में पराली बाहर निकालने वाली मशीनें जैसे कि बेलर, रेक, क्राप रीपर किसानों को पराली की संभाल के लिए दी जा रही हैं। उन्होंने बताया कि विभागीय अधिकारियों की ओर से मशीनों की लगातार वेरीफिकेशन भी की जा रही है। इस मुहिम के तहत गांव मंडला, ब्लाक बस्सी पठाना में कृषि अफसर डा. कुलविदर सिंह द्वारा किसान भूपेंद्र सिंह द्वारा खरीदी गई सुपर सीडर मशीन की वेरीफिकेशन की गई, ताकि बनती सब्सिडी जल्द से जल्द संबंधित किसान के खाते में ट्रांसफर की जा सके।
डा. कुलविदर सिंह ने बताया कि वेरीफिकेशन से सब्सिडी लेने वाले किसानों और किसान ग्रुपों ने भरोसा दिलाया है कि वह फसलों के अवशेषों को खेतों में ही मिलाकर गेहूं की बीजाई करेंगे। उन्होंने जिले के समूह किसानों को पीएयू से मंजूरशुदा किस्मों और सिफारिश अनुसार खादों का प्रयोग करने के लिए कहा। पराली और फसलों के अवशेषों को खेतों में ही मिलाने से जमीन की उपजाऊ शक्ति बढ़ती है और खाद खर्च भी कम होते हैं। इसके साथ ही उन्होंने किसानों को पराली को आग न लगाने के लिए भी प्रेरित किया।