लोक अदालत में 297 केसों सहमति से हुआ निपटारा
राष्ट्रीय कानूनी सेवा अथारिटी के दिशा निर्देश अनुसार और पंजाब कानूनी सेवा अथारिटी की अगुआई में लोक अदालत लगाई गई।
जागरण संवाददाता, फतेहगढ़ साहिब : राष्ट्रीय कानूनी सेवा अथारिटी के दिशा निर्देश अनुसार और पंजाब कानूनी सेवा अथारिटी की अगुआई में जिला कानूनी सेवा अथारिटी द्वारा फतेहगढ़ साहिब की अदालतों और सब डिवीजन स्तर की अदालतों में राजीनामे योग्य और हर प्रकार के झगड़ों के निपटारे के लिए नेशनल लोक अदालत लगाई गई। इसमें समझौते के लिए रखे 618 केसों में से 297 केसों का दोनों पक्षों की सहमति से निपटारा किया गया और चार करोड़ 69 लाख 32 हजार 392 रुपये के अवार्ड पास किए गए। जिला व सेशन जज निर्भओ सिंह गिल ने बताया कि अधिक से अधिक केसों का निपटारा करने के लिए आठ बैंच गठित किए गए थे जिसमें मोटर एक्सीडेंट, सेक्शन 138 एनआइ एक्ट, राजीनामे योग्य क्रीमिनल केस और ट्रैफिक चालान जैसे केस निपटारे के लिए रखे गए थे। उन्होंने कहा कि आम लोगों को लोक अदालत का अधिक से अधिक लाभ उठाना चाहिए, क्योंकि लोक अदालत में फैसला होने की सूरत में कोर्ट फीस माफ हो जाती है और लोक अदालत का फैसला अंतिम होता है।
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लोक अदालत में 98 केसों में 61 केसों का मौके पर ही निवारण
स्थानीय सिविल कोर्ट में मजिस्ट्रेट ईमानवीर सिंह धालीवाल की अगुआई में केसों के निवारण के लिए नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। लोक अदालत में केसों के निवारण के लिए 98 केस सुनवाई के लिए रखे गए जिनमें से 61 केसों का निवारण दोनों पक्षों की आपसी सहमति से करवाया गया और 1,28,97,827 रुपये की राशि के अवार्ड भी पास किए गए।
मजिस्ट्रेट ईमानवीर धालीवाल ने बताया कि लोक अदालतों का मुख्य उद्देश्य दोनों पक्षों की आपसी रजामंदी से झगड़ों का निवारण करवाना है ताकि दोनों पक्षों के कीमती समय व धन की बचत हो सकें। उन्होने बताया कि लोक अदालत के जरिए फैसला हुए केस की आगे कोई अपील नहीं हो सकती, क्योंकि लोक अदालत में फैसला दोनों पक्षों की आपसी सहमति से करवाया जाता है। इससे झगड़ा हमेशा के लिए खत्म हो जाता है। इस अवसर पर बार एसोसिएशन के प्रधान बलविदर सिंह चहल सहित समाज सेवी अमरजीत सिंह भी मौजूद थे।