मांगें पूरी न होने पर 28 हजार आशा वर्करों का टीकाकरण से इंकार
पंजाब को कोरोना मुक्त करने के लिए कोरोना वैक्सीन कोवाशील्ड लगाने की शुरूआत 16 जनवरी से हो रही है।
जागरण संवाददाता। फतेहगढ़ साहिब : पंजाब को कोरोना मुक्त करने के लिए कोरोना वैक्सीन कोवाशील्ड लगाने की शुरूआत 16 जनवरी से हो रही है। इससे पहले ही प्रदेश में वैक्सीन का बहिष्कार भी शुरू हो गया। यह बहिष्कार वैक्सीन को लेकर किसी प्रकार का डर या खतरा होने के चलते नहीं है।बल्कि, पंजाब सरकार खिलाफ रोष के तौर पर किया जा रहा है। प्रदेश की करीब 28 हजार आशा वर्करों व फैसिलीटेटरों ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा उनकी स्वीकार मांगों को लागू न करने पर वैक्सीन का टीका नहीं लगाने का ऐलान किया है। साथ ही वे वैक्सीन के कार्यों में किसी प्रकार का सहयोग भी नहीं देंगी। आशा वर्कर एवं फैसिलीटेटर यूनियन पंजाब की अध्यक्ष किरणदीप कौर पंजोला ने कहा कि कोविड-19 में आशा वर्करों ने सबसे आगे होकर काम किया और अपनी जान की परवाह नहीं की। इसके बावजूद बार बार बैठकों में मांगें स्वीकार करने के बाद भी इन्हें लागू नहीं किया जा रहा। पंजोला ने कहा कि आशा वर्करों को हरियाणा की तर्ज पर मान भत्ता और पांच सौ रुपए टूर मनी मिलनी चाहिए। स्मार्ट फोन देने का वादा पूरा किया जाए। सीएसओ फंड में आशा वर्करों को हर महीने इंसेटिव दिया जाए और फैसिलीटेटर को इस योजना में जोड़ा जाए। इन मांगों को बैठक के दौरान स्वास्थ्य विभाग मंत्री बलवीर सिंह सिद्धू ने भी पूरा करने का भरोसा दिलाया था। लेकिन अब टाल मटोल वाली नीति अपनाई जा रही है। जह तक मांगें पूरी नहीं करेंगे पंजाब की कोई भी आशा वर्कर व फैसिलीटेटर वैक्सीन नहीं लगाएंगी।