Fight against coronavirus: सिविल अस्पतालों के वेंटिलेटरों को मेडिकल कालेज भेजा जाएगा
पंजाब मेें कोरोना के खिलाफ जंग के मद्देनजर सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। सिविल अस्पतालाें के वेंटिलेटर मेडिकल कालेजों में भेजा जाएगा।
फरीदकोट, [प्रदीप कुमार सिंह]। कोरोना वायरस से संक्रमित गंभीर मरीजों का उपचार अमृतसर, पटियाला व फरीदकोट मेडिकल कालेज में ही किया जाएगा। ऐसे मरीजों के लिए वेंटिलेटरों की सख्त आवश्यकता को देखते हुए प्रदेश के सिविल अस्पतालों के वेंटिलेटरों को नजदीकी मेडिकल कालेज अस्पताल में शिफ्ट करवाने को कहा गया है। जिन सिविल अस्पतालों में वेंटिलेटर हैं, उनमें से बहुत ही कम अस्पतालों के पास यह मशीनें चालू हालत में हैं। अस्पतालों में यह शुरू ही नहीं की जा सकी।
कोरोना वायरस से संक्रमित रोगियों का अमृतसर, पटियाला व फरीदकोट में ही होगा उपचार,
इसका कारण यह है कि अस्पताल के पास जीवन रक्षण प्रणाली यानि वेंटिलेटर को चलाने के लिए ट्रेंड मेडिकल स्टाफ उपलब्ध नहीं है। दूसरी ओर मेडिकल कालेजों के पास इन्हें चलाने के लिए पर्याप्त स्टाफ मौजूद है। फरीदकोट मेडिकल कालेज के एक विभागाध्यक्ष के अनुसार सिविल अस्पतालों की अपेक्षा मेडिकल कालेज में ज्यादा क्रिटिकल मरीज आते हैं।
हालात को देखते हुए मेडिकल कालेज में ही है वेंटीलेटर की जरूरत : वीसी
फरीदकोट के बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंस के वाइस चांसलर डॉ. राज बहादुर ने बताया कि पंजाब सरकार के दिशा निर्देशों के अंतर्गत यह ऐलान किया गया है कि सिविल अस्पतालों व प्राइवेट अस्पतालों में जहां वेंटिलेटर की जरूरत अधिक नहीं होगी, वहां की जरूरत के अलावा बाकी सभी वेंटिलेटर प्रदेश के नजदीकी मेडिकल कॉलेजों को भेजे जाएंगे। इस समय गुरु गोङ्क्षबद सिंह मेडिकल कालेज में 28 वेंटिलेटर हैं।
डीएमसी, सीएमसी में जल्द शुरू होगी कोरोना वायरस की जांच
पटियाला, अमृतसर व फरीदकोट मेडिकल कालेज में कोविड-19 सैंपलों की टेस्टिंग की जा रही है। बीमारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए दो और लैब की जरूरत सेहत विभाग द्वारा महसूस की जा रही है। वाइस चांसलर डॉ. राज बहादुर ने बताया कि लुधियाना के डीएमसी और सीएमसी में इसकी जांच हेतु प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही दोनों जगह कोविड-19 की जांच शुरू होगी।