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कोरोना जीनोम टेस्टिग के लिए फरीदकोट, अमृतसर में स्थापित होगी दो बड़ी लैब

कोरोना महामारी की तीसरी लहर पहले दो लहरों की भांति ज्यादा घातक नहीं है। अबकी बार महामारी का इंफेक्शन रेट प्रति सौ सैंपलों पर 20 फीसदी है जो कि पहले दो लहरों से ज्यादा है

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Jan 2022 11:00 PM (IST)Updated: Sat, 22 Jan 2022 11:00 PM (IST)
कोरोना जीनोम टेस्टिग के लिए फरीदकोट, अमृतसर में स्थापित होगी दो बड़ी लैब
कोरोना जीनोम टेस्टिग के लिए फरीदकोट, अमृतसर में स्थापित होगी दो बड़ी लैब

प्रदीप कुमार सिंह, फरीदकोट

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कोरोना महामारी की तीसरी लहर, पहले दो लहरों की भांति ज्यादा घातक नहीं है। अबकी बार महामारी का इंफेक्शन रेट प्रति सौ सैंपलों पर 20 फीसदी है, जो कि पहले दो लहरों से ज्यादा है, परंतु घबराने की जरूरत नहीं है। जिन लोगों को वैक्सीन की पहली व दूसरी डोज लगी है, उन पर इसका ज्यादा असर नहीं दिखाई दे रहा है, ज्यादातर लोग होम आइसोलेशन में हैं, और जल्द ही वह ठीक भी हो रहे हैं।

यह कहना है बाबा फरीद यूनिर्वसिटी आफ हेल्थ साइंस फरीदकोट के वाइस चांसलर डा. राज बहादुर का। कोरोना महामारी की शुरुआत से लेकर अब तक वह फ्रंट लाईन वर्कर के रूप में महामारी से लड़ रहे है। प्रदेशवासियों को कोरोना महामारी से बचाने के लिए उपचार की गाइड लाईन तय करने के साथ ही उपचार में प्रयोग होने वाले संसाधनों की वह प्रदेशव्यापी खरीद कर रहे है। डा. राज बहादुर ने बताया कि वह खुद भी एक बार कोरोना संक्रमित हुए, परंतु उपचार व एहतियात से ठीक हो गए। उन्होंने बताया कि कोरोना से लड़ाई में सरकार पूरी तरह से गंभीर है, और कोरोना से लड़ाई में न तो धन की कमी है और न ही संसाधनों की।

कोरोना के नए वैरियंट जैसे ओमिक्रोन या अन्य की जांच के लिए अब तक प्रदेश में एक छोटी लैब पटियाला में है, पंरतु हमें ज्यादा सैंपलों की जांच के लिए पुणे की लैब पर निर्भर होना पड़ता है। जिसे देखते हुए प्रदेश में फरीदकोट व अमृतसर मेडिकल कालेज में ढ़ाई करोड़ रुपये लागत की दो आधुनिक लैब स्थापित की जा रही है, जिससे अब कोरोना जीनोम के सैंपलों की यहीं पर जांच हो जाया करेगी। इसके अलावा कोरोना सैंपलों की जांच हेतु प्रदेश के सभी जिलों के जिला स्तर के अस्पतालों में कुल 20 लैब स्थापित किए जा रहे है, ताकि सैंपलों की जांच में तेजी आ सके। उन्होंने बताया कि, वर्तमान समय में प्रदेश भर में कोरोना सैंपलों के जांच लैब क्षमता रोजाना 50000 सैंपलों की जांच की, परंतु सैंपल उन्हें 20000 के लगभग ही उपलब्ध हो पा रहे है, किन्ही कारणों से सैंपलिग कम हो रही है, इसमें और तेजी लाए जाने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के अस्पतालों में आधुनिक बेड की उपलब्धता करवाने के लिए उन्होंने 4750 बेड खरीद कर सप्लाई कर दी है।

डा. राज बहादुर ने कहा कि कोरोना महामारी की तीसरी लहर का पीक टाईम जनवरी माह के थर्ड वीक से शुरु होना है, ऐसे में लोग सतर्क रहे, मास्क जरूर पहने, सोशल डिस्टेसिग का पालन करे और बीमारी के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत कोरोना टेस्ट करवाएं ताकि बीमारी का समय से इलाज किया जा सके। वर्तमान समय में जिन लोगों को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगी है, उन पर महामारी का ज्यादा इफेंक्शन नहीं दिखाई दे रहा है।


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