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बहुत खास है यह नीम का पेड़, 74 वर्षों से फहराया जा रहा तिरंगा, पंडित नेहरू से जुड़ा है इतिहास

फरीदकोट के राजा हरिंदर सिंह ने स्वतंत्रता संग्राम को कुचलने के लिए आजादी के समर्थकों को जेलों में बंद कर दिया था। इसके विरोध में नेहरू यहां आए और नीम के पेड़ पर तिरंगा फहराया था।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Thu, 28 May 2020 05:33 PM (IST)Updated: Thu, 28 May 2020 05:33 PM (IST)
बहुत खास है यह नीम का पेड़, 74 वर्षों से फहराया जा रहा तिरंगा, पंडित नेहरू से जुड़ा है इतिहास
बहुत खास है यह नीम का पेड़, 74 वर्षों से फहराया जा रहा तिरंगा, पंडित नेहरू से जुड़ा है इतिहास

फरीदकोट [प्रदीप कुमार सिंह]। फरीदकोट की पुरानी दाना मंडी के ऐतिहासिक नीम के पेड़ के नीचे बुधवार को 74वां झंडा दिवस मनाया गया। यहां पंडित जवाहर लाल नेहरू ने 27 मई, 1946 को अंग्रेजों की समर्थक फरीदकोट रियासत के खिलाफ तिरंगा फहराया था। फरीदकोट के राजा हरिंदर सिंह ने स्वतंत्रता संग्राम को कुचलने के लिए आजादी के समर्थकों को जेलों में बंद कर दिया था। इसके विरोध में नेहरू यहां आए और नीम के पेड़ पर तिरंगा फहराया था।

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गत दिवस यहां ध्वजारोहण पूर्व राष्ट्रपति स्व. ज्ञानी जैल सिंह के पीए रहे सुरेन्द्र गुप्ता ने किया। उन्होंने बताया कि 27 मई, 1946 का दिन फरीदकोट के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज है। इसी दिन प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने अंग्रेजी हुकूमत के समर्थक फरीदकोट रियासत के राजा हरिंदर सिंह द्वारा लागू की गई पाबंदी व कानून को तोड़कर तिरंगा झंडा फहराया था। बुधवार को 74वें झंडारोहण के अवसर पर साजन शर्मा, हाजी शेख दिलावर हुसैन, जगजीत सिंह जीत, अशोक भटनागर, रणधीर सिंह कुक्कु, प्रवीण काला आदि उपस्थित थे।

सुरेन्द्र गुप्ता ने बताया कि देश में आजादी की लहर चल रही थी। इसी क्रम में अंग्रेजी हुकूमत के हिमायती राजा हरिंदर सिंह द्वारा आजादी आंदोलन को कुचलने के लिए आजादी के दीवानों को जेलों में बंद किया जा रहा था। इसके विरोध में फरीदकोट रियासत की जनता ने 30 अप्रैल, 1946 से हड़ताल शुरू कर दी गई। यह हड़ताल पंडित नेहरू के फरीदकोट आने और नेहरू-हरिंदर समझौते के बाद ही खत्म हुई थी।

देश में किसी भी रियासत के खिलाफ यह सबसे बड़ी हड़ताल थी। पंडित नेहरू के फरीदकोट पहुंचने की सूचना पर फरीदकोट रियासत ने धारा 144 लगा दी थी, जिसे नेहरू ने नाकाम कर दिया था। 27 मई, 1964 को पंडित नेहरू का निधन हुआ था। 27 मई, 1971 को झंडा दिवस की सिल्वर जुबली उनके नेतृत्व में मनाई गई, जिसमें मुख्यातिथि के रूप में तत्कालीन गृह राज्य मंत्री केसी पंत शामिल हुए थे। 27 मई, 1996 में गोल्डन जुबली पर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री की ओर से उनकी पत्नी जसवंत कौर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुई थीं।

75वें झंड़ारोहण दिवस पर होंगे कई कार्यक्रम

कमेटी के सदस्यों ने फैसला किया है कि अगले साल 2021 में 75वें झंडारोहण दिवस पर रक्तदान कैंप, प्रजामंडल से जुड़े नेताओं के स्वजनों का सम्मान, पौधारोपण आदि कार्यक्रम किए जाने के प्रावधान के साथ मुख्य समागम में केंद्र व राज्य सरकार के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जाएगा।


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