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शिअद की पोल खोल रैली पर रोक, हाईकोर्ट में सुनवाई आज

माहौल खराब करना चाहते है सुखबीर-किक्की ढिल्लों जिला प्रशासन ने शिअद को रैली की इजाजत न देकर सही फैसला किया है। चूंकि शिअद प्रमुख सुखबीर ¨सह बादल,रैली की आड़ में अमन शांति को भंग करने की कोशिश कर रहे है। कुशलदीप ¨सह किक्की ढिल्लों,विधायक,फरीदकोट ---------

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 Sep 2018 08:05 PM (IST)Updated: Fri, 14 Sep 2018 08:05 PM (IST)
शिअद की पोल खोल रैली पर रोक, हाईकोर्ट में सुनवाई आज
शिअद की पोल खोल रैली पर रोक, हाईकोर्ट में सुनवाई आज

-फरीदकोट में 16 सितंबर को प्रस्तावित है रैली, जिला प्रशासन ने नहीं दी अनुमति

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-पुलिस ने रिपोर्ट में रैली से अमन-शांति भंग होने का बताया खतरा

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जेएनएन, फरीदकोट/चंडीगढ़: शिरोमणि अकाली दल (शिअद) की 16 सितंबर को फरीदकोट में प्रस्तावित पोल खोल रैली को जिला प्रशासन ने इजाजत देने से इन्कार कर दिया है। एसएसपी फरीदकोट

राजबचन ¨सह ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि रैली से अमन-शंाति भंग होने का खतरा है। वहीं, फरीदकोट के डीसी राजीव पराशर ने बताया कि पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर ही रैली की इजाजत नहीं दी गई है।

उधर, शिअद ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इस पर शनिवार को सुनवाई होगी। शिअद के उपप्रधान डॉ. दलजीत सिंह चीमा शुक्रवार को पूर्व एडवोकेट जनरल अशोक अग्रवाल के साथ हाईकोर्ट में याचिका दायर करने पहुंचे। उन्होंने आदेश खारिज करने की मांग की। जस्टिस अनुपिंदर सिंह ग्रेवाल व जस्टिस अजय कुमार मित्तल की खंडपीठ ने मामला चीफ जस्टिस के पास भेज दिया है।

शिअद ने 16 सितंबर को फरीदकोट में रैली के लिए एसडीएम के पास आवेदन किया था। एसडीएम ने इससे इन्कार कर दिया है। रैली स्थल पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया है। आसपास के जिलों से भी पुलिस फोर्स मंगवा ली गई है। पहले कोटकपूरा में होनी थी

पहले यह रैली 15 सितंबर को फरीदकोट के कोटकपूरा में होनी थी, लेकिन वहां पर सिख संगठनों के विरोध की आशंका के चलते इसे फरीदकोट शिफ्ट दिया गया था। वीरवार को शिअद ने पंडाल लगाने का काम भी शुरू कर दिया था। इसलिए नहीं दी इजाजत

श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की घटनाओं, बरगाड़ी और कोटकपूरा में हुए गोली कांड को लेकर फरीदकोट से 30 किलोमीटर की दूरी पर बरगाड़ी में गर्म दलीय नेता पिछले चार महीने से धरने पर बैठे हैं। वे लगातार इस बात की मांग कर रहे हैं कि बेअदबी की इन घटनाओं को लेकर पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल, सुखबीर बादल और पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी के खिलाफ केस दर्ज किए जाएं। बेअदबी मामले पर जस्टिस रणजीत ¨सह आयोग की रिपोर्ट विधानसभा में पेश होने के बाद शिअद ने राज्य भर में पोल खोल रैलियां करने का एलान किया था। सिख संगठन हर जगह अकाली दल के नेताओं के जाने पर विरोध कर रहे हैं। सुखबीर बादल से लेकर परमिंदर सिंह ढींढसा तक इस विरोध का शिकार हो चुके हैं। सरकार को लग रहा है कि यदि दोनों ओर के नेता एक दूसरे के आमने-सामने हो गए, तो हालात बिगड़ सकते हैं। इसकी सारी जिम्मेदारी मौजूदा सरकार पर आ जाएगी।

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कैप्टन ने इमरजेंसी के दिन याद दिला दी: बादल

जासं, बठिंडा: पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने बठिंडा में मीडिया से बातचीत में कहा कि कैप्टन ने इमरजेंसी के दिन याद दिला दिए। फरीदकोट रैली को मंजूरी न देने का मैं सबसे अधिक विरोध कर रहा हूं। हमने अधिकारियों से चेक कर लिया है। कोई खतरा नहीं है। सरकार बौखला गई इसलिए मंजूरी नहीं दे रही है'। खतरा तो हमें है, अमरिंदर सिंह को नहीं। हम रैली करने के लिए तैयार हैं फिर उन्हें क्या। धर्म खतरे में है। काग्रेस गुरुद्वारों पर कब्जा करना चाहती है। कैप्टन गलत लोगों की मदद कर रहे हैं।


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