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दस महीने बाद विद्यार्थी पहुंचे स्कूल, मास्क लगाकर की पढ़ाई

कोरोना के चलते बंद किए गए स्कूल दस महीने बाद हुए शुरू।

By JagranEdited By: Published: Thu, 07 Jan 2021 04:39 PM (IST)Updated: Thu, 07 Jan 2021 10:15 PM (IST)
दस महीने बाद विद्यार्थी पहुंचे स्कूल, मास्क लगाकर की पढ़ाई
दस महीने बाद विद्यार्थी पहुंचे स्कूल, मास्क लगाकर की पढ़ाई

जागरण संवाददाता, फरीदकोट : कोरोना महामारी के प्रकोप से विद्यार्थियों को बचाने के लिए सेहत विभाग की एडवाइजरी पर गत वर्ष मार्च के तीसरे सप्ताह में बंद किए जिले के सभी निजी व सरकारी स्कूल वीरवार को एक बार फिर से खुल गए। स्कूलों में विद्यार्थियों के आने से, स्कूलों में छाई महीनों की वीरानी खत्म हुई और चहल-पहल दिखाई पड़ी।

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प्रदेश सरकार प्राइमरी स्कूलों में भले ही कक्षा पांचवी के ही विद्यार्थियों को स्कूल आने की मंजूरी दी गई थी, परंतु जिले के सभी 243 प्राइमरी स्कूल खुले और इन स्कूलों में केवल कक्षा पांचवी के ही विद्यार्थी को पढ़ने के लिए बुलाया गया। पहले दिन स्कूलों में पचास फीसद के लगभग ही विद्यार्थी पहुंचे।

सरकारी मिडिल स्कूल किला चौक फरीदकोट की हेड

अध्यापिका विंदरपाल कौर ने बताया कि आज जो विद्यार्थी स्कूल आए हैं, उन्हें स्कूल आने पर पहले आधे घंटे तक कोरोना महामारी के बारे में बताया गया है, और लक्षणों से अवगत करवाया गया। उन्होंने कहा कि सभी अभिभावकों से आग्रह किया गया है कि स्कूल उन्हीं विद्यार्थियों को भेजा जाए, जो कि पूरी तरह से सेहदमंद हो और जिन विद्यार्थियों को सेहद संबंधी कोई परेशानी हो तुंरत अपना उपचार डाक्टर को दिखा करवाए। उन्होंने बताया कि स्कूल आने वाले विद्यार्थियों को मास्क लगाने के साथ ही आपस में दूरी बनाकर बैठने को कहा गया है।

जिला शिक्षा अधिकारी धन्ना सिंह दियोल व मीडिया प्रभारी जसवीर सिंह जस्सी ने बताया कि जिले के सभी स्कूल वीरवार से खुलने शुरू हो गए है, हालांकि जैसी आशा थी, उससे कहीं ज्यादा विद्यार्थी स्कूल पहुंचे, आने वाले कुछ दिनों में स्कूलों में विद्यार्थियों की उपस्थित सामान्य हो जाएगी।

दस महीने बाद मिड डे मिल फिर बनना हुआ शुरू

कोरोना महामारी को देखते हुए स्कूलों में बच्चों को खाने के लिए दोपहर का मिलने वाला मिड डे मिल भोजन भी बंद हो गया था, परंतु दस महीने बाद एक बार फिर से मिड-डे मिल का भोजन स्कूलों में दोबारा से पकाया जाना शुरू हुआ। मिड-डे मिल वर्कर जसविदर कौर ने बताया कि आज उन्हें बहुत अच्छा लग रहा है कि वह बच्चों के लिए दोबारा खाना बनाना शुरू कर रही है, हालांकि स्कूल में जब बच्चे पढ़ने के लिए नहीं आते थे, तब भी वह यहां पर आती थी और दूसरा काम करती थी।


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