पर्यावरण बचाने को लगाए दो लाख पौधे, तीन सालों तक लिया गोद
संत निरंकारी मिशन द्वारा देशभर में वृक्षारोपण एवं वृक्ष संरक्षण अभियान का आयोजन किया गया
नरेश सेठी, जैतो,
संत निरंकारी मिशन द्वारा देशभर में वृक्षारोपण एवं वृक्ष संरक्षण अभियान का आयोजन किया गया। देशभर की 3000 शाखाओं ने लगभग 2 लाख पौधे लगाये गए हैं। इन पौधों को कम से कम 3 वर्ष के लिए संरक्षित करने का प्रण भी लिया। इसी अभियान के तहत फिरोजपुर जोन के जोनल इंचार्ज एनएस गिल के आदेश पर संत निरंकारी मिशन ब्रांच जैतो के प्रमुख अशोक धीर की अगुवाई में संत निरंकारी सत्संग भवन जैतो, सरकारी हाई स्कूल ढैपई (फरीदकोट), सरकारी प्राइमरी स्कूल दल सिंह वाला, बिजली घर जैतो, गांव रोड़ी कपूरा, चंदभान में कई जगहों पर पौधे लगाए गए अथवा गोद लिए गए हैं। इसी प्रकार गांव मड़ाक (फरीदकोट) ब्रांच के प्रमुख गुरसेवक सिंह की अगुवाई में संत निरंकारी सत्संग भवन मड़ाक में सैकड़ों पौधे लगाए गए व गोद लिए गए। यह अभियान देश के अतिरिक्त दूर-देशों में भी बाबा हरदेव सिंह जी महाराज की स्मृति में आयोजित किया गया। पिछले वर्ष इसी दिन 1320 सरकारी अस्पतालों की सफाई की गई थी। साल 2003 से बाबा हरदेव सिंह जी महाराज के जन्मदिवस पर ही स्वच्छता एवं वृक्षारोपण अभियान की शुरुआत हुई। जिसका आरंभ स्वयं बाबा हरदेव सिंह जी महाराज ने अपने कर कमलों द्वारा किया और यह संदेश दिया कि प्रदूषण अंदर हो या बाहर, दोनों हानिकारक है। देशव्यापी स्वच्छता एवं वृक्षारोपण अभियान तब से निरंतर आयोजित किया जा रहा है। समय-समय पर अन्य सार्वजनिक स्थानों की सफाई के अतिरिक्त अस्पतालों, रेलवे स्टेशनों, पुरातन स्मारकों, समुद्र तथा नदियों के तटों इत्यादि पर विशेष ध्यान दिया जाता रहा है। बाबा जी का संदेश था कि आने वाले वर्षो में भी ऐसी सेवाएं रूकेंगी नहीं। नहीं चाहिए। वर्तमान में सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज, बाबा हरदेव सिंह जी के संदेश को आगे बढ़ाते हुए यही प्रेरणा दे रही हैं।
लाकडाउन की स्थिति को ध्यान में रखते हुए संत निरंकारी मिशन के प्रत्येक जोन, ब्रांच, गांव एवं कस्बे में रहने वाले सभी सेवादार, परिवार द्वारा अपने-अपने नजदीक के चिन्हित स्थान पर पौधे लगाए गए तथा उनको गोद भी लिया गया ताकि आने वाले वर्षो में यह सभी गोद लिए वृक्ष जीवित रहें और प्रकृति को सुंदर उपहार दे सकें। अभियान में संत निरंकारी मिशन द्वारा संचालित सभी विद्यालय कालेज एवं डिस्पेंसरी भी इस अभियान में सम्मिलित रहे।