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आनलाइन शिक्षा से अभिभावकों की बढ़ी चिंता

बच्चों की पढ़ाई को लेकर बच्चों के परिजनों की चिताएं बढ़ती नजर आ रही है

By JagranEdited By: Published: Sat, 17 Jul 2021 04:13 PM (IST)Updated: Sat, 17 Jul 2021 04:13 PM (IST)
आनलाइन शिक्षा से अभिभावकों की बढ़ी चिंता
आनलाइन शिक्षा से अभिभावकों की बढ़ी चिंता

संवाद सूत्र, गोलेवाला : बच्चों की पढ़ाई को लेकर बच्चों के परिजनों की चिताएं बढ़ती नजर आ रही है। कोविड-19 के चलते पिछले 2 सालों से स्कूल बंद पड़े हैं, बच्चे घरों में बैठे हैं। एक बच्चे के पिता रेशम लाल शर्मा ने कहा कि 25 जून से केवल स्कूल स्टाफ के लिए ही स्कूल खुले, वह अध्यापक स्कूलों में आ रहे हैं, जो बच्चों को सिर्फ आनलाइन पढ़ाई करवा रहे हैं, परंतु बच्चों का अब आनलाइन पढ़ाई में मन नहीं लगता ओर पढ़ाई में बिल्कुल भी मन नहीं लग रहा।

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आनलाइन क्लासों से बच्चों और माता-पिता दोनों को ही परेशानी का सामना करना पड़ता है वही अब तो बच्चे भी घरों में बैठे बोर होने लगे और यह सोच रहे हैं स्कूल कब खुलेंगे क्लास 10वीं के एक छात्र विकास कुमार का कहना है कि वह स्कूल को बहुत मिस कर रहे हैं, अपने सहपाठियों के साथ खेलना कूदना अध्यापकों से पढ़ना जनरल नालेज खेलकूद सामान्य ज्ञान इन सब चीजों का स्कूल में ही आनंद लिया जा सकता है, और वही गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्मार्ट स्कूल गोलेवाला के क्लास 11वीं के छात्र जश्न कुमार ने भी कहा कि सरकार को जल्द से जल्द स्कूल खोल देने चाहिए जिससे बच्चों की पढ़ाई खराब न हो लगातार दो साल से बिना पेपर दिए हुए ही अगली क्लास में प्रमोट हो रहे हैं, जिससे आगे चलकर बच्चों के फ्यूचर पर इसका असर पड़ेगा ग्यारहवीं क्लास के ही एक छात्र जसपिदर सिंह का भी यहीं कहना है कि जल्द से जल्द सरकार को स्कूल खोलने चाहिए बच्चों के भविष्य को देखते हुए वही कुछ अध्यापकों से बात की गई तो पता चला अध्यापक वर्ग को भी बच्चों के भविष्य को लेकर चिंता है। उनका भी कहना है कोविड-19 नियमों की पालना करते हुए कुछ प्रतिशत बच्चों को लेकर स्कूल खोलने की अनुमति सरकार को दे देनी चाहिए, क्योंकि अब कोरोना के केस नाममात्र के बराबर पूरे कोविड-19 नियमों का पालन करते हुए है, बच्चों के स्कूल खुलने चाहिए क्योंकि अब तो बच्चे भी स्कूल जाने को उतावले है। उन्होंने कहा लगातार दो सालों से घर बैठे बच्चों का मानसिक संतुलन बिगड़ने की कगार पर हैं।

बच्चों के परिजनों से जब बात की गई उन्होंने बताया पिछले डेढ़ 2 सालों से बंद पड़े स्कूलों से बच्चों का मानसिक संतुलन डगमगाने लगा है, बच्चे सारा दिन घर में पड़े पड़े बोर हो रहे है, बच्चे आनलाइन क्लास का बहाना लगाकर मोबाइलों पर तरह-तरह की गेमों में व्यस्त रहते हैं जिसके चलते बच्चों का मानसिक संतुलन डगमगाने लगा और पढ़ाई में बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रहे। वहीं अगर बच्चे स्कूलों में जाएंगे तो स्कूलों में पढ़ाई के साथ साथ सामान्य ज्ञान खेलकूद योग आदि मैं भी बच्चे भाग लेते रहते हैं।


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