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चुनावी संग्राम में भाजपा गठबंधन प्रत्याशियों के आने से रोचक हुआ मुकाबला

अब तक पंजाब में विधानसभा चुनाव अमूमन दो से तीन प्रतिद्वंद्वियों में ही होता दिखाई देता था परंतु इस बार यह मुकाबला मुख्य पांच दलों के बीच है

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Jan 2022 04:23 PM (IST)Updated: Sat, 22 Jan 2022 04:23 PM (IST)
चुनावी संग्राम में भाजपा गठबंधन प्रत्याशियों के आने से रोचक हुआ मुकाबला
चुनावी संग्राम में भाजपा गठबंधन प्रत्याशियों के आने से रोचक हुआ मुकाबला

प्रदीप कुमार सिंह, फरीदकोट

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अब तक पंजाब में विधानसभा चुनाव, अमूमन दो से तीन प्रतिद्वंद्वियों में ही होता दिखाई देता था, परंतु इस बार यह मुकाबला मुख्य पांच दलों के बीच है। गत लोकसभा चुनाव तक शिअद-भाजपा गठबंधन में होने के कारण साथ में चुनाव में लड़ते रहे हैं, कितु इस बार शिअद के अलग होने से भाजपा अपने दो अन्य सहयोगियों पंजाब लोक कांग्रेस व शिअद संयुक्त के साथ चुनाव मैदान में उतरी है। भाजपा गठबंधन के अलावा इस बार विधानसभा चुनाव में किसान मोर्चा पार्टी के प्रत्याशी भी ताल ठोक रहे हैं, जिसके कारण इस बार का विधानसभा चुनाव पांच प्रमुख दलों या गठबंधनों के प्रत्याशियों के मध्य लड़ा जा रहा है।

फरीदकोट जिले की तीनों विधानसभा सीटों में अब तक आम आदमी पार्टी व शिअद-बासपा गठबंधन की ओर से अपने सभी प्रत्याशी उतारे जा चुके है, जबकि किसान मोर्चा ने अब तक जैतो तो भाजपा गठबंधन फरीदकोट व जैतो और कांग्रेस ने फरीदकोट विधानसभा सीट पर अपने प्रत्याशी उतारे। राजनीतिक दलों द्वारा जो प्रत्याशी अपने-अपने घोषित किए गए है, उनकी कुल संख्या जिले में दस हो गई है, जबकि पांच प्रत्याशियों की घोषणा एक-दो दिनों के अंदर होनी है।

पांच प्रमुख दलों या गठबंधन के साथियों के मध्य हो रहे मुकाबले में, एक-एक वोट के लिए जद्दोजहद अभी से दिखाई दे रही है। पिछले विधानसभा चुनावों तक ज्यादातर दलों का फोकस वर्ग विशेष के थोक वोट बैंक तक सीमित था, परंतु इस बार के विधानसभा चुनाव में सभी पांच प्रतिद्वंद्वियों के मध्य अपने-अपने जनाधार वाले वोट बैंक के साथ उन न्यूटल वोटों पर फोकस किया जा रहा है, जो कि किसी पार्टी से संबंधित नहीं हैं, यहीं नहीं ऐसी परिस्थित में एक-दूसरे के वोट बैंक में सेंधमारी भी जा रही है।

पिछले चुनाव में 80.3 फीसद था मतदान

गत विधानसभा चुनाव में जिले में औसत मतदान 80.3 फीसदी था, परंतु इस बार यह मतदान प्रतिशत और बढ़ने की आशा है, क्योंकि प्रत्याशियों की ओर से एड़ी-चोटी का जोर मतदाताओं से मिलकर मतदान करने के लिए अपने हक में लगाया जा रहा है। हालांकि इस बार चुनाव आयोग बेहद सख्त है। अब यह देखने वाली बात होगी कि आने वाले समय में जिले के मतदाता किस दल के प्रत्याशी को चुना कर विधानसभा भेजते हैं।


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