प्रभु यीशु के शांति संदेश अपनाए बिना जनकल्याण संभव नहीं
सेंट जोसफ पैरिश के नाम से चर्च की नई इमारत का उद्धघाटन शनिवार को बिशप एग्नेलो रूफिनो ग्रेसिअस जालन्धर डायोसिस के रसूली संचालक द्धारा किया गया।
संवाद सहयोगी, कोटकपूरा
कोटकपूरा की जलालेआना सड़क पर सचदेवा कॉटन फैक्ट्री वाली जगह पर बिशप फ्रेंको के दिशा निर्देशों मुताबिक प्रभु यीशु के पालक सेंट जोसफ पैरिश के नाम से चर्च की नई इमारत का उद्घाटन शनिवार को बिशप एग्नेलो रूफिनो ग्रेसिअस जालंधर डायोसिस के रसूली संचालक द्वारा किया गया। इस मौके कई फादर , सिस्टर्स, मुनाद और विश्वासियों ने बड़ी श्रद्धा के साथ पाक मास की कुर्बानी में हिस्सा लिया। प्रार्थना सभा में कैथोलिक ईसाई समुदाय के साथ अन्य समुदाय के लोगों ने भी श्रद्धा के साथ शिरकत की। अर्पण प्रार्थना के दौरान श्रद्धालुओं ने फादर को उपहार भेंट किए।
विशप ने शांति का संदेश देते हुए कहा कि, प्रभु यीशु, ईश्वर के अवतार हैं। मानवता की सेवा सबसे बड़ा कर्म है। प्रभु यीशु के शांति के संदेश को अपनाए बगैर जनकल्याण संभव नहीं है। बिशप ने कहा कि आज का यह ऐतिहासिक क्षण प्रभु यीशु की कृपा से मिला है। ईश्वर की ओर से यह सुंदर सा स्थान प्रदान किया गया है। बिशप ने उपस्थित धर्मावलंबियों का आह्वान करते हुए कहा कि इस पवित्र जगह पर आकर ईश्वर की अराधना करें और उनका आशीष प्राप्त करें। स्थानीय फादर ने आगंतुकों का स्वागत करते हुए कहा कि ईश्वर जो भी करता है, वह अच्छा ही करता है। ईश्वर की ही योजना से यह चर्च बनकर तैयार हुआ है। सेंट जोसफ एक कारपेंटर थे, जिन्होंने यीशु का लालन-पालन किया। सेंट जोसफ के नाम से ही इस चर्च की अलग पहचान बन गई है।
कोटकपूरा चर्च पहले फरीदकोट चर्च का ही हिस्सा था। 2018 में इसे अलग चर्च बनाया गया। डॉ जॉन ग्रेवाल इसके पहले चर्च पुजारी नियुक्त हुए।
चर्च में क्रिसमस दिवस समारोह महापर्व के रूप में मनाया जायेगा। चर्च में हर रविवार को सामूहिक प्रार्थना सभा भी आयोजित की जाती है।