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कोटकपूरा गोलीकांड में निलंबित IG उमरानंगल को मिली जमानत, कोर्ट ने SIT जांच पर उठाए सवाल

कोटकपूरा गोलीकांड में जेल में बंद निलंबित आइजी परमराज सिंह उमरानंगल को जिला एवं सेशन जज हरपाल सिंह की अदालत ने 50 हजार के निजी मुचलके पर जमानत दे दी है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 11 Mar 2019 08:15 PM (IST)Updated: Mon, 11 Mar 2019 08:16 PM (IST)
कोटकपूरा गोलीकांड में निलंबित IG उमरानंगल को मिली जमानत, कोर्ट ने SIT जांच पर उठाए सवाल
कोटकपूरा गोलीकांड में निलंबित IG उमरानंगल को मिली जमानत, कोर्ट ने SIT जांच पर उठाए सवाल

जेएनएन, फरीदकोट। कोटकपूरा गोलीकांड में जेल में बंद निलंबित आइजी परमराज सिंह उमरानंगल को जिला एवं सेशन जज हरपाल सिंह की अदालत ने 50 हजार के निजी मुचलके पर जमानत दे दी है। इस दौरान अदालत ने प्रदेश सरकार की ओर से गठित विशेष जांच टीम (SIT) पर भी सवाल उठाए। अदालत ने कहा कि एक तरफ SIT कहती है कि उमरानंगल बिना किसी अधिकार के कोटकपूरा पहुंचे थे और दूसरी तरफ कहती है कि वह पुलिस पार्टी की कमान संभाल रहे थे। वहीं शाम को उमरानंगल को जेल से रिहा कर दिया गया।

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जिला एवं सेशन जज हरपाल सिंह की अदालत में सोमवार को उमरानंगल की जमानत पर सुनवाई शुरू हुई। उमरानंगल के वकीलों सतपाल सिंह सिद्धू व गुरसाहिब सिंह बराड़ ने तर्क दिया कि कोटकपूरा गोलीकांड मामले में पुलिस ने घटना के करीब तीन साल बाद अज्ञात पुलिस अधिकारियों पर केस दर्ज किया था। इसमें कोई सच्चाई नहीं है। इसके बाद अदालत ने कोटकपूरा गोलीकांड की जांच कर रही SIT पर सवाल उठाए।

अदालत ने कहा कि एक तरफ तो SIT कहती है कि आइजी उमरानंगल बिना किसी अधिकार के कोटकपूरा पहुंचे थे। दूसरी तरफ कहा जा रहा है कि वह पुलिस पार्टी की कमान संभाल रहे थे। कोटकपूरा गोलीकांड मामले में किसी भी व्यक्ति ने उमरानंगल का नाम नहीं लिया। गोली लगने से घायल व केस के शिकायतकर्ता अजीत सिंह को लगी गोली के बारे में अभी तक यह नहीं पता चल पाया है कि गोली किस हथियार से चली है।

अदालत ने उमरानंगल की ओर से पेश घटना में घायल पुलिस अधिकारियों व कर्मियों के मेडिकल रिकॉर्ड और अदालत में दिखाई वीडियो क्लिप का भी संज्ञान लिया। कहा कि इस घटनाक्रम के दौरान धरनाकारियों की ओर से भी पुलिस पर हमला किया गया और पुलिस की गाड़ियां फूंकी गईं। अदालत ने कहा कि घटना के समय आइजी उमरानंगल के अलावा एडीजीपी रोहित चौधरी, आइजी जतिंदर जैन, डीआइजी रणबीर सिंह खटड़ा, डीआइजी अमर सिंह चाहल आदि भी मौके पर हाजिर थे। ऐसे में अकेले आइजी उमरानंगल को आरोपी नहीं माना जा सकता।

इसके साथ ही अदालत ने कहा कि SIT दावा कर रही है कि इस घटना के पीछे बहुत बड़ी साजिश थी, लेकिन उस साजिश का कोई अता-पता नहीं है। इसके बाद अदालत ने उमरानंगल को पचास हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया। वहीं शाम को उमरानंगल को जेल से रिहा कर दिया गया।

SIT ने 18 फरवरी को किया था गिरफ्तार

बहिबल कलां व कोटकपूरा गोलीकांड मामले की जांच कर रही SIT ने जस्टिस रणजीत सिंह आयोग की रिपोर्ट के आधार पर आइजी परमराज सिंह उमरानंगल को कोटकपूरा की घटना के संदर्भ में दर्ज इरादा-ए-कत्ल के केस में 18 फरवरी को चंडीगढ़ से गिरफ्तार किया था। सात दिन के पुलिस रिमांड के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था। 27 फरवरी को उन्होंने जिला अदालत में जमानत याचिका दायर कर दी थी।

हाईकोर्ट से मिल चुकी है ब्लैंकेट बेल

SIT उमरानंगल को बहिबल गोलीकांड मामले में भी गिरफ्तार करने की तैयारी कर रही थी। उधर उमरानंगल ने ब्लैंकेट बेल के लिए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी। हाईकोर्ट ने उमरानंगल को ब्लैंकेट बेल देते हुए कहा था कि अन्य केस में गिरफ्तारी से पहले उमरानंगल को सात दिन का नोटिस देना होगा।

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