कैंसर मरीजों के बिल भुगतान की आस बंधी
कैंसर बीमारी की चपेट में आने से गुरु गोविंद सिंह मेडिकल कालेज व अस्पताल में उपचार करवाने वाले पांच हजार मरीजों के पेंड़िग बिलों की अदायगी की आस बंधी है
जागरण संवाददाता, फरीदकोट
कैंसर बीमारी की चपेट में आने से गुरु गोविंद सिंह मेडिकल कालेज व अस्पताल में उपचार करवाने वाले पांच हजार मरीजों के पेंड़िग बिलों की अदायगी की आस बंधी है। भाई कन्हैया कैंसर रोको सेवा सोसाइटी व मरीजों के परिजनों की मांग पर मेडिकल कालेज अस्पताल द्वारा सभी पांच हजार केसों की पड़ताल शुरु कर दी गई है। यह बिल 2011 से सितंबर 2017 के कैंसर मरीजों के हैं, हालांकि इसमें से ज्यादातर कैंसर मरीजों की मौत हो चुकी है।
भाई कन्हैया कैंसर रोको सेवा सोसाइटी के प्रधान गुरप्रीत सिंह चंदबाजा ने बताया कि मेडिकल कालेज अस्पताल कैंसर मरीजों के बिलों की अदायगी करने की जगह उसे दबा कर बैठा था, यूं तो कैंसर की दवा बेहद मंहगी होने के कारण लोगों के लाखों रुपये के बिल भुगतान के लिए फंसे हैं, परंतु एक कैंसर मरीज के बिल का अनुमान यदि 40000 रुपये लगाया जाए तो 20 करोड़ रुपये लोगों के फंसे हुए हैं। वह भी मेडिकल कालेज अस्पताल की लापरवाही के कारण।
उन्होंने कहा कि यह बेहद संवेदनशील मसला है, इसके लिए वह लंबे समय से मरीजों के परिजनों के साथ मिल कर संघर्ष कर रहे थे। पिछले महीने फरीदकोट बैठक के लिए आए प्रदेश सरकार के मेडिकल शिक्षा व खोज मंत्री ओपी सोनी के समक्ष यह मुद्दा उठाया गया था, जिसके बाद अब मेडिकल कालेज में सभी पांच हजार केसों की पड़ताल शुरू की है। उन्हें पता चला कि 900 केसों की पड़ताल हो चुकी है। ऐसे में वह चाहते हैं कि जल्द से जल्द कैंसर मरीजों की फाइलों की पड़ताल कर उनके वारिसों को धनराशि का भुगतान किया जाए।
मेडिकल अधीक्षक डा. सुलेख मित्तल ने बताया कि 2011 से सितंबर 2017 तक का यह मामला है, ऐसे में बड़ी सारी फाइलों के विस्तृत रूप में रिकार्ड जांचे जा रहे हैं, अभी इसमें चार हफ्ते का और समय लगेगा। ऐसे में बिलों की अदायगी के लिए जो नियम हैं उसके तहत ही वह काम करेंगे, अपनी रिपोर्ट वह सरकार को दे देंगे।