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किसान संगठनों ने किया कृषि कानून रद करने के निर्णय का स्वागत

गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व के शुभ अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों को तोहफा देते हुए तीनों कृषि कानून बिल रद करने का एलान है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 19 Nov 2021 04:24 PM (IST)Updated: Fri, 19 Nov 2021 04:24 PM (IST)
किसान संगठनों ने किया कृषि कानून रद करने के निर्णय का स्वागत
किसान संगठनों ने किया कृषि कानून रद करने के निर्णय का स्वागत

प्रदीप गर्ग, गोलेवाला, फरीदकोट : गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व के शुभ अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों को तोहफा देते हुए तीनों कृषि कानून बिल रद करने का एलान है। प्रधानमंत्री के इस फैसले पर किसानों ने खुशी जताई है। इसकी खुशी में किसानों ने लड्डू बांटे। फैसले का स्वागत करते हुए किसानों ने कहा हमारी एक साल की तपस्या व्यर्थ नहीं गई, यह उसी का नतीजा है और किसानों की जीत है। सभी किसान संगठनों ने प्रधानमंत्री के इस फैसले का स्वागत किया है।

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हम इस फैसले का स्वागत करते हैं, परंतु जब तक संसद के सत्र के अंदर इस पर पूरी कार्रवाई के तहत बिल रद नहीं हो जाते और हमारी सभी मांगें नहीं मानी जाती उस समय तक सरकार पर विश्वास नहीं किया जा सकता। हमारी समूह किसान जत्थेबंदियों द्वारा इस फैसले को लेकर बैठक की जाएगी। उसके बाद ही आगे की रणनीति पर विचार विमर्श किया जाएगा।

-गुरमीत सिंह, जिला प्रधान, भारतीय किसान यूनियन कादिया।

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अभी इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता, जब तक संसद सत्र में इन बिलों को वापस नहीं लिया जाएगा। हमारे किसान साथियों द्वारा लगातार एक साल तक इस संघर्ष को जारी रखा और आखिर में हमारी जीत हुई, इस जीत के हकदार के सभी किसान हैं जो लगातार इस संघर्ष में हमारे साथ खड़े रहे व जिन्होंने इस लड़ाई में अपनी जान गंवाई है।

-बिदर सिह, जिला प्रधान, भारतीय किसान यूनियन राजेवाल। --------------------------

जब तक तीनों काले कृषि कानून बिल संसद सत्र के अंदर पूरी कार्रवाई के साथ रद नहीं होंगे, तब तक सरकार के किसी भी फैसले पर विश्वास नहीं किया जाएगा। एमएसपी पर भी सरकार को अपना पक्ष स्पष्ट करना होगा। जिन किसानों ने आंदोलन के दौरान जान गंवाई है उन किसानों को उचित मुआवजा मिले और किसानों पर दर्ज केस रद हों।

-धर्मपाल सिंह रोडी कपूरा, जिला प्रधान, भारतीय किसान यूनियन एकता डंकोदा।

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सरकार द्वारा तीनों काले कानून बिल वापस लिए गए, इस फैसले का वह स्वागत करते हैं, परंतु संसद सत्र के अंदर ही काले कानून बिल रद्द होने पर कोई फैसला लिया जाएगा और एमएसपी पर भी गारंटी कानून हो तो ही किसानों को लाभ होगा और हमारी अन्य मांगों पर भी सरकार को विचार करना होगा। उसके बाद ही आगे की रणनीति तैयार की जाएगी।

-लाल सिंह, जिला प्रधान, भारतीय क्रांतिकारी यूनियन। किसानों ने भी दी अपनी प्रतिक्रिया

कुछ किसानों ने भी प्रधानमंत्री के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी। किसान गुरदर्शन सिंह गोलेवाला का कहना है यह फैसला सरकार को पहले ही ले लेना चाहिए था, जिससे लगभग सात सौ के करीब किसानों की जान बच जाती। वही, किसान सुखजीत सिंह का कहना है यह एक राजनीतिक स्टंट है पांच राज्यों में होने वाले चुनावों को देखकर यह फैसला लिया गया है। जाट महासभा गोलेवाला के प्रधान बबलजीत सिंह बराड़ हसनभटी का कहना है, कि प्रधानमंत्री के इस फैसले का स्वागत करते हैं, गुरु नानक देव जी के गुरु पर्व पर लिए गए इस फैसले से किसान खुश हैं हमें इस पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। किसान सुखचैन सिंह का कहना है गुरु नानक देव जी के गुरु पर्व पर के अवसर पर तीनों कृषि कानून बिलों के वापस लेने के फैसले से दोहरी खुशी हुई है। किसानों की एक साल की तपस्या रंग लाई है।


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