दो रेलवे ओवरब्रिजों की मिली सौगात, आवागमन हुआ सुगम
आजादी के सात दशक बाद फरीदकोट जिले के दोनों बड़े औवरब्रिज मिले हैं।
प्रदीप कुमार सिंह, फरीदकोट
आजादी के सात दशक बाद फरीदकोट जिले के दोनों बड़े शहरों फरीदकोट व कोटकपूरा को रेलवे ओवरब्रिज की सौगात मिली है। दोनों ओवरब्रिजों के निर्माण पर पौने तीन सौ करोड़ रुपये का खर्च आया है। इन दोनों ओवरब्रिजों के शुरू होने पर जिले के लोगों को ही नहीं बल्कि दूसरे राज्यों के उन वाहन चालकों को भी बड़ी राहत मिली है।
इन पुलों के निर्माण से पहले तक रेलगाड़ियों के आने-जाने पर औसतन दिन में पांच घंटे तक रेलवे फाटक बंद रहता था, जिसमें फंस कर लोग परेशान होते थे। जिले के लोगों की दशकों से माग थी कि फरीदकोट व कोटकपूरा शहर को क्रास करती रेलवे लाइन पर रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण किया जाए, जो कि अब पूरा हो गया है। लोगों को अब रेलगाड़ियों के आने-जाने पर रेलवे फाटक पर खड़ा नहीं होना पड़ता, बल्कि वह निर्बाध रूप से आवागमन करते हैं।
फरीदकोट निवासी विजेंद्र कुमार व रवनीत कौर ने बताया कि रेलवे ओवरब्रिज से पहले वह लोग जब भी मोगा या कोटकपूरा जाना होता था तो सोचते थे कि वह कहीं रेलवे फाटक न बंद हो, ऐसे फरीदको से कोटकपूरा शहर की दूरी तय करने में बामुश्किल दस मिनट का समय लगता है, परंतु जब रेलवे फाटक बंद होता था, और आड़े-तिरछे वाहनों के खड़ा हो जाने पर यह दूरी पूरी करने में कई बार घंटे-डेढ़ घंटे का समय लग जाता था।
फरीदकोट व कोटकपूरा रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण कार्य प्रदेश की तत्कालीन शिअद-भाजपा गठबंधन के समय शुरू हुआ था, जो कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में पूरा हुआ। पुलों के निर्माण कार्य को लेकर सत्तापक्ष व विपक्ष द्वारा खूब राजनीति करने के साथ क्रेडिट हासिल करने की खूब कोशिश की गई, खैर जो भी हो अंतत: लोगों को रेलवे ओवरब्रिज रूपी सुविधा तो मिली ही।