पूर्व डीजीपी सैनी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज
जिला व सेशन जज सुमित मल्होत्रा की अदालत ने मंगलवार को पूर्व डडीजीपी की जमानत याचिका खारिज कर दी है।
संवाद सहयोगी, फरीदकोट
जिला व सेशन जज सुमित मल्होत्रा की अदालत ने मंगलवार को कोटकपूरा गोलीकांड केस में चार्जशीट राज्य के तत्कालीन डीजीपी सुमेध सिंह सैनी की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। इससे पहले जिला अदालत ने बहिबल गोलीकांड केस में भी उनकी अग्रिम जमानत याचिका रद कर दी थी। हालांकि बहिबलकलां केस में पंजाब हरियाणा उच्च न्यायालय ने उनकी अग्रिम जमानत मंजूर कर ली गई है।
2015 की बरगाड़ी बेअदबी कांड से संबंधित बहिबलकलां व कोटकपूरा गोलीकांड की घटनाएं 14 अक्टूबर 2015 को हुई थी। इन घटनाओं के दिन सुमेध सिंह सैनी के पास पंजाब के डीजीपी का कार्यभार था। बहिबलकलां में पुलिस की गोली लगने से दो नौजवानों की मौत हुई थी, जबकि कोटकपूरा में पुलिस के लाठीचार्ज व फायरिग से करीब 100 लोग घायल हो गए थे। 2018 में जस्टिस रणजीत सिंह आयोग की रिपोर्ट के बाद कोटकपूरा की घटना के संदर्भ में थाना सिटी कोटकपूरा में 7 अगस्त 2018 को अज्ञात पुलिस पर इरादा ए कत्ल का केस दर्ज किया गया था जिसमें एसआइटी ने जांच के बाद आइजी परमराज सिंह उमरानंगल, पूर्व एसएसपी चरनजीत सिंह शर्मा, एसपी परमजीत सिंह पन्नू, तत्कालीन डीएसपी कोटकपूरा बलजीत सिंह व तत्कालीन एसएचओ सिटी गुरदीप सिंह पंधेर के अलावा कोटकपूरा से शिअद के पूर्व विधायक मनतार सिंह बराड़ को नामजद किया गया था। इन सभी छह आरोपितों के खिलाफ एसआइटी द्वारा अदालत में चालान भी पेश किया जा चुका है।
कोटकपूरा केस में गिरफ्तारी से बचने के लिए पूर्व डीजीपी सैनी ने जिला अदालत के पास अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी जिस पर मंगलवार को दोनों पक्षों के बीच बहस हुई। सरकारी पक्ष ने तर्क दिया कि एसआइटी की पड़ताल में सामने आया है कि गोलीकांड की घटनाओं में तत्कालीन डीजीपी की अहम भूमिका रही है, ऐसे में उन्हें जमानत नहीं दी जानी चाहिए। इसके बाद अदालत ने उनकी याचिका को रद कर दिया।