प्राइस न्यूज लगवाने वालें पर होगी कड़ी कार्रवाई
जिला निर्वाचन अधिकारी कम डीसी हरबीर सिंह ने एचुनाव की तैयारियों का जायजा लिया।
जागरण संवाददाता, फरीदकोट
जिला निर्वाचन अधिकारी कम डीसी हरबीर सिंह ने एमसीएमसी प्रकोष्ठ का दौरा किया और विधानसभा चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों, पार्टियों द्वारा विज्ञापनों, पेड न्यूज आदि पर किए गए खर्च के संबंध में समिति के दिन-प्रतिदिन के कार्यों पर बारीकी से विचार किया। उन्होंने समिति के सदस्यों से कहा कि यह एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है और इस कर्तव्य को पूरी ईमानदारी से निभाया जाना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि जिला स्तर पर मीडिया प्रमाणन एवं निगरानी समिति फरीदकोट जिले में आने वाले 3 विधानसभा क्षेत्रों 087-फरीदकोट, 088-कोटकपूरा और 089-जैतो (एससी) से चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों द्वारा मीडिया पर किए गए खर्च पर कड़ी नजर रखे हुए है, जिसने चुनाव आचार संहिता के साथ अपना काम शुरू कर दिया था।
जिला निर्वाचन अधिकारी हरबीर सिंह ने एमसीएमसी में ड्यूटी पर तैनात सभी कर्मचारियों को निर्देश दिया कि वे मीडिया पर कड़ी नजर रखें, जिसमें समाचार पत्र, रेडियो, टीवी, ई-पेपर और सोशल मीडिया आदि शामिल हैं और यदि किसी उम्मीदवार का विज्ञापन, पेड न्यूज प्राप्त होता है, तो उसे उसके चुनाव खर्च में शामिल करने के लिए संबंधित रिटर्निंग अधिकारी को तत्काल जानकारी दी जानी चाहिए ताकि इस खर्च को उनके चुनावी खर्च में शामिल किया जा सके।
उन्होंने बताया कि एमसीएमसी ई-पेपर और सोशल मीडिया सहित इलेक्ट्रानिक मीडिया में विज्ञापन के लिए है। समिति से अनुमोदन प्राप्त करना आवश्यक है और इसके लिए जिला प्रशासनिक परिसर में स्थापित जिला जनसंपर्क कार्यालय के कमरा संख्या 329 से संपर्क किया जाना चाहिए। समिति जहां भी इसकी स्क्रिप्ट देखती है, वह इशिथार के निर्माण और स्थापना पर होने वाले खर्च का संज्ञान लेकर अनुमति देगी।
उन्होंने कहा कि यदि कोई प्रतिष्ठान उम्मीदवार की लिखित अनुमति पर समिति की मंजूरी के बिना कोई अधिनियम लगाता है, तो उसके खिलाफ 171 एच भारतीय दंड संहिता के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है। इसके अलावा चुनाव से दो दिन पहले प्रिट मीडिया में विज्ञापनों को भी उक्त समिति द्वारा अनुमोदित किया जाना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि यदि कोई प्रत्याशी किसी भी मीडिया में मूल्य समाचार डालता है या प्रकाशित करता है जो उक्त प्रत्याशी के चुनावी खर्च में शामिल होगा इस खबर का खर्च।