बंद हुआ बीएससी एग्रीकल्चर का कोर्स
फरीदकोट रियासतकालीन सरकारी बृजेंद्रा कालेज में अब बीए एग्रीकल्चर कोसर् बंद हो गया है।
प्रदीप कुमार सिंह, फरीदकोट
फरीदकोट रियासतकालीन सरकारी बृजेंद्रा कालेज में अब बीएससी एग्रीकल्चर की पढ़ाई नहीं होगी। यहां से पढ़कर निकले एक-दो नहीं बल्कि अनेक लोग प्रदेश ही नहीं देश-विदेश में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे है। नियमों का हवाला देते हुए विभाग द्वारा बीएससी एग्रीकल्चर का कोर्स बंद कर दिया गया है।
कृषि से जुड़े सरकारी व निजी प्रतिष्ठानों में अपना कैरियर संवारने की इच्छा रखने वाले युवाओं के लिए यहां पर सस्ता बीएससी एग्रीकल्चर का कोर्स उपलब्ध था। सरकारी बृजेंद्रा कालेज में इस कोर्स के बंद होने से फरीदकोट ही नहीं आसपास के जिले के विद्यार्थियों को दूसरे जिलों व निजी स्कूलों का रूख करना पड़ेगा। विभाग की हायर एथारिटी द्वारा उक्त कोर्स को बंद करने का जो तर्क दिया गया वह स्टूडेंट संगठनों व विपक्ष के लोगों के गले नहीं उतर रहे है, कोर्स को बंद करने के पीछे की बड़ी वजह कोर्स के लिए कालेज के पास 50 एकड़ का जमीन न होना बताया गया।
विपक्षी दलों द्वारा इसे मुद्दा बनाते हुए मांग की गई कि सरकार जिले के दूसरे हिस्से में मौजूद सरकारी जगह कालेज को आवंटित करे, ताकि बीएससी एग्रीकल्चर का कोर्स कालेज में बहाल रहे, परंतु जमीन आवंटित न होने से कोर्स बंद हो गया।
कोर्स बहाली को लेकर स्टूडेंट संगठनों की ओर से बीएससी कृषि बचाओ मोर्चा का गठन कर धरना-प्रदर्शन, भूख हड़ताल की गई, इसे जिले के लोगों का भी साथ मिला, विपक्षी दलों के साथ ही जिले के प्रबुद्ध लोग भी स्टूडेंटों के धरने को समर्थन देते हुए दिखाई दिए। परंतु कोर्स बहाल नहीं हो सका। अब जिले के विपक्षी दल खासकर आम आदमी पार्टी के कोटकपूरा से प्रत्याशी व विधायक कुलतार सिंह संधवा द्वारा इसे बड़ा मुद्दा बनाया जा रहा है, उन्होंने इस मुद्दें को विधानसभा सत्र के दौरान भी उठाया परंतु बात नही बनी। अब यहां के युवाओं को चिता सता रही है, कि एक ओर सरकारों द्वारा युवाओं को नशे से दूर रहकर शिक्षित होने के लिए प्रेरित किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर बीएससी एग्रीकल्चर का कोर्स ही बंद कर दिया गया, जो कि बेहद ही चितनीय है।