एक फरवरी लागू रहेगा कोरोना प्रतिबंध
जिला मजिस्ट्रेट हरबीर सिंह की ओर से जारी आदेशों के अनुसार सार्वजनिक स्थानों और कार्य स्थलों पर मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है।
जासं, फरीदकोट : जिला मजिस्ट्रेट हरबीर सिंह की ओर से जारी आदेशों के अनुसार सार्वजनिक स्थानों और कार्य स्थलों पर मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। इसी तरह सार्वजनिक स्थानों पर शारीरिक दूरी बनाए रखने और छह फीट की दूरी रखने का निर्देश दिया गया है। नगर निगम क्षेत्रों में रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक गैर-जरूरी यातायात बंद रहेगा। हालांकि, आवश्यक गतिविधियों, माल के परिवहन, सरकारी काम आदि की अनुमति होगी। इसी तरह, बस से उतरने और घर जाने की भी इस दौरान अनुमति होगी जिलाधिकारी ने कहा कि अंदर (इनडोर) और बाहर (आउटडोर) 300 से ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर भी रोक लगा दी गई है। यह कोविड को लेकर लागू प्रोटोकाल का पालन करके ही किया जा सकता है। इसी तरह स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय, कोचिग संस्थान आदि को भी बंद रखने का निर्देश दिया गया है जबकि ऑनलाइन शिक्षा जारी रहेगी। मेडिकल और नर्सिंग कॉलेज सामान्य रूप से काम करेंगे। इसी तरह सभी बार, सिनेमा, मल्टीप्लेक्स, मॉल, रेस्तरां को 50 फीसदी क्षमता पर खोलने की अनुमति दी जाएगी, बशर्ते सभी कर्मचारियों को पूरी तरह से टीका लगाया गया हो। खेल परिसर, स्टेडियम, स्वीमिंग पूल और जिम भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं की तैयारी कर रहे खिलाड़ियों को छोड़कर सभी के लिए बंद रहेंगे। दर्शकों पर भी प्रतिबंध रहेगा।एसी बसें 50 फीसदी क्षमता पर ही चल सकेंगी।पूरी तरह से टीका लगाए गए कर्मचारियों को सरकारी और निजी कार्यालयों, उद्योगों, कार्यस्थलों पर जाने की अनुमति होगी। इसी प्रकार सरकारी या निजी संस्थानों की ओर से कोई भी सेवा मास्क पहनने वाले व्यक्ति को दी जाएगी।अन्य सभी विभाग भी कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से क्रियान्वयन सुनिश्चित करेंगे। टीकाकरण या नकारात्मक आरटीपीसीआर केवल रिपोर्ट वाले यात्रियों को ही जिले में प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी।यह हवाई यात्रियों पर भी लागू होगा, विकलांग व्यक्तियों और गर्भवती महिलाओं को कार्यालय आने से छूट दी जाएगी लेकिन वे घर से काम कर सकेंगी।ये आदेश 1 फरवरी, 2022 तक लागू रहेंगे और आदेशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। आदेश का उल्लंघन करने पर आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51-60 और भारतीय दंड संहिता की धारा 1860 के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।