जागरूकता वैन रवाना, पराली न जलाने के लिए करेगी जागरूक
पराली को जलाने से पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है। खेतों में पराली जलाने से मिट्टी के पोषक तत्व नष्ट होते हैं।
जासं, फरीदकोट : पराली को जलाने से पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है। खेतों में पराली जलाने से मिट्टी के पोषक तत्व नष्ट होते हैं। डिप्टी कमिश्नर विमल कुमार सेतिया ने कृषि और किसान कल्याण विभाग की पराली जागरूकता वैन को रवाना करने के बाद कही। इस अवसर पर एसडीएम फरीदकोट पूनम सिंह, जिला मुख्य कृषि अधिकारी डॉ हरनेक सिंह रोडे भी उपस्थित रहे।
डीसी ने किसानों से अपील की, कि इस बार फरीदकोट जिले को राज्य में एक गैर-पुआल जलाने वाला जिला बनाया जाए। इसलिए उन्हें किसानों के पूर्ण सहयोग की आवश्यकता है। यहां उन्होंने किसानों को कृषि और किसान कल्याण विभाग, फरीदकोट द्वारा अनुदान पर दी गई, मशीनों का लाभ उठाने के लिए कहा कि वे खेत में ही धान के पुआल को मिलाएं या बेलर के माध्यम से बेल बनाएं, क्योंकि इसे आग लगाने से जो जहरीली गैस पैदा होती है, वह कई रोगों के उत्पन्न होने का करण बनती है, यह जहरीली गैसे बुजुर्गों और बच्चों के लिए घातक हो सकती है।