चंडीगढ़ में कार पर लगे वीआइपी नंबर ने युवक को पहुंचाया सलाखों के पीछे, बोला- शौक के लिए किया ऐसा
पुलिस ने हरपाल सिंह से संपर्क किया तो उसने बताया कि उन्होंने स्कोडा कार बेच दी है और पोलो कार दिल्ली से खरीदी थी। खरीदी गई कार के लिए उन्होंने अमृतसर अथॉरिटी से नंबर लगवाने के लिए दिल्ली अथॉरिटी से उक्त कार की एनओसी भी ले ली थी।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। गाड़ी पर वीआइपी नंबर के शौक ने एक युवक को सलाखों के पीछे पहुंचाया दिया। अपनी कार पर फर्जी वीआइपी नंबर प्लेट लगाकर घूम रहे युवक को चंडीगढ़ पुलिस ने पकड़ लिया। पुलिस ने नाकाबंदी के दौरान पुलिस ने युवक को कार के काबू किया और जब वाहन के दस्तावेजों की जांच की गई तो पता चला कि कार पर लगाया गया नंबर फर्जी है। इसके बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए कार को जब्त करने के साथ युवक को भी गिरफ्तार कर लिया। आरोपित युवक ने अपनी पोलो कार पर पंजाब के अमृतसर से रजिसटर्ड स्कोडा कार की नंबर प्लेट लगी रखी थी। पूछताछ में आरोपित ने बताया कि उसने शौक में वीआइपी नंबर लगा लिया था, उसकी मंशा किसी तरह के अपराध की नहीं थी।
जानकारी के अनुसार बापूधाम चौकी इंचार्ज रोहताश यादव को सूचना मिली थी कि एक दिल्ली नंबर की एक नीले रंग की पोलो कार पर चालक पीबी 02 एएफ 0024 जाली नंबर लगाकर घूम रहा है। आरोपित रेलवे लाइट पॉइंट से ट्रांसपोर्ट चौक से की तरफ होकर मध्य मार्ग पर जा रहा है। इसके बाद पुलिस ने ट्रांसपोर्ट लाइट प्वाइंट पर नाकाबंदी की। दोपहर करीब 1:45 बजे नाके पर पोलो कार चालक को राउंडअप कर चौकी लाया गया। पुलिस ने जब कार पर लगे नंबर की जांच की तो पता चला कि कार असल में दिल्ली नंबर की है। कार पर लगा पीबी 02 एएफ 0024 नंबर स्कोडा कार का है। वह हरपाल सिंह के नाम पर रजिस्टर्ड है।
पुलिस ने हरपाल सिंह से संपर्क किया तो उसने बताया कि उन्होंने स्कोडा कार बेच दी है और पोलो कार दिल्ली से खरीदी थी। खरीदी गई कार के लिए उन्होंने अमृतसर अथॉरिटी से नंबर लगवाने के लिए दिल्ली अथॉरिटी से उक्त कार की एनओसी भी ले ली थी। पुलिस ने जब पूरे मामले की गहनता से जांच की तो अमृतसर अथॉरिटी से पता चला कि चौकी में जब्त की गई पोलो कार पर लगाया गया नंबर जाली है। अथॉरिटी की ओर से उक्त कार पर लगाया गए नंबर की परमिशन नहीं दी गई है। इसके बाद पुलिस ने आरोपित के खिलाफ जाली नंबर प्लेट लगाकर घूमने के आरोप में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।