कृषि विधेयकों के विरोध में कांग्रेस का दिल्ली कूच, हरियाणा बार्डर पर फूंका ट्रैक्टर, पुलिस ने पानी की बौछार छोड़ खदेड़ा
कृषि विधेयकों के विरोध में यूूूथ कांग्रेस ने चंडीगढ़-दिल्ली मार्ग जीरकपुर से ट्रैक्टर रैली निकाली। हरियाणा बार्डर पर पुलिस ने रैली को रोक दिया है।
जेएनएन, मोहाली/पटियाला। कृषि विधेयकों (Agriculture Bills) को लेकर पंजाब मेें सियासत पूरी तरह से गरमाई हुई है। यहां पक्ष हो या विपक्ष भाजपा को छोड़कर सभी एक स्वर में इन विधेयकों के विरोध में हैं। रविवार को कृषि विधेयकों के विरोध में पंजाब युवा कांग्रेस ने किसानों के साथ मिलकर जीरकपुर में चंडीगढ़-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग (Delhi-Chandigarh national highway) पर ट्रैक्टरों में रैली निकाली। इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ता व किसानों ने यहां के दिल्ली कूच किया, लेकिन अंबाला में हरियाणा बार्डर पर इन्हें रोक दिया गया।
यूथ कांग्रेस कार्यकर्ता व किसान जैसे ही दिल्ली की तरफ बढ़ने लगे पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं माने। पुलिस ने पहले ही वहां बेरिकेट्स लगाए थे। रैैैैली में शामिल लोग आगे बढ़ने लगे। इस पर पुलिस ने उन पर पानी की बौछार छोड़ दी। इससे पहले प्रदर्शनकारियों ने बेरिकेट्स तोड़़ दिए और बार्डर पर ट्रैक्टर फूंक दिया।
#WATCH हरियाणा: अंबाला के सदोपुर बॉर्डर पर #FarmBills के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे यूथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं को हटाने के लिए पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। pic.twitter.com/MDzsUEAyD2— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 20, 2020
इस रैली को पंजाब कांग्रेस के प्रधान सुनील जाखड़ ने जीरकपुर में हरी झंडी दी थी। रैली में पंजाब के कैबिनेट मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू के अलावा पंजाब यूथ कांग्रेस के प्रधान वरिंदर ढिल्लों एवं अलग-अलग जिलों के यूथ कांग्रेस के प्रधान एवं नेतागण शामिल हुए।
हरियाणा बार्डर पर ट्रैक्टर फूंकते किसान व कांग्रेस कार्यकर्ता।
वहीं, किसानों का पटियाला में पक्का मोर्चा जारी है। गत दिवस उनके धरने में पंजाबी गायक हरजीत हरमन धरने में पहुंचे और उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार किसानों को मारने के मकसद से इस तरह के फरमान जारी कर रही है। किसान वर्ग तो पहले ही कर्ज व महंगाई की मार ङोल रहा है, जिसके चलते किसान खुदकशी करने पर मजबूर हैं। केंद्र की गलत नीतियों के चलते किसानों को सड़कों पर उतरना पड़ रहा है।
इससे पहले दलजीत दोसांझ ने ट्वीट कर व जसबीर जस्सी एक गीत के जरिये धरने की हिमायत कर चुके हैं। दोसांझ ने लिखा था, ‘किसान बचाओ, देश बचाओ। किसान विरोधी विधेयकों का हम सभी विरोध करते हैं।’ एक यूजर ने उनसे विधेयकों को पढ़ने के लिए कहा तो दोसांझ ने जवाब दिया था कि पंजाब का किसान सड़कों पर है। किसी को उनसे बात करनी चाहिए। वह खुद एक किसान परिवार से आते हैं। उन्होंने ट्वीट किया, ‘हम किसानों से उम्मीद करते हैं कि वे देश का पेट भरें, लेकिन वे कीमतों को लेकर फैसला नहीं कर सकते।’ जसबीर जस्सी ने भी मीडिया व सरकार पर तंज कसकर कहा था कि किसान चुप ही रहें, क्योंकि कोई उनकी आवाज सुनने वाला नहीं है।
उधर, पक्के मोर्चा पर बैठे भारतीय किसान मंच के प्रधान बूटा सिंह व जम्हूरी किसान सभा से कुलवंत सिंह ने कहा कि केंद्र के खिलाफ राज्य की 31 किसान जत्थेबंदियां एक मंच पर एकत्रित हो चुकी हैं। मोगा में किसान जत्थेबंदियों की बैठक में 25 सितंबर को पंजाब पूर्ण तौर पर बंद करने का फैसला लिया गया है। इस दिन राज्यभर में रेल रोककर किसान प्रदर्शन करेंगे। बैठक 23 सितंबर को भी होगी। पटियाला के पुडा ग्राउंड में चल रहे धरने में पंजाब के विभिन्न जिलों से किसानों का आना जारी है। तीन हजार किसान धरने में शिरकत कर चुके हैं।