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पीजीआइ में व‌र्ल्ड सुसाइड प्रीवेंशन-डे मनाया

पीजीआइ में रविवार को व‌र्ल्ड सुसाइड प्रीवेंशन-डे पर कार्यक्रम कराया गया। पीजीआइ के स्टूडेंट नर्सिग एसोसिएशन ने कार्यक्रम का आयोजन किया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 12 Sep 2021 10:31 PM (IST)Updated: Sun, 12 Sep 2021 10:31 PM (IST)
पीजीआइ में व‌र्ल्ड सुसाइड प्रीवेंशन-डे मनाया
पीजीआइ में व‌र्ल्ड सुसाइड प्रीवेंशन-डे मनाया

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : पीजीआइ में रविवार को व‌र्ल्ड सुसाइड प्रीवेंशन-डे पर कार्यक्रम कराया गया। पीजीआइ के स्टूडेंट नर्सिग एसोसिएशन ने कार्यक्रम का आयोजन किया। डा. सुनीता शर्मा के नेतृत्व में ये कार्यक्रम हुआ। पीजीआइ नाइन की प्रिसिपल डा. करोबी दास, एकेडेमिक इंचार्ज डा. सुखपाल ने छात्राओं के आज के युग में आत्महत्या करने की बढ़ती प्रवृत्ति और इसकी रोकथाम को लेकर साइकेटरी नर्सिग काउंसिलिग विषय पर लोगों को जानकारी दी। वहीं, एक प्राइवेट हॉस्पिटल ने सुसाइड प्रीवेंशन व पॉजिटिव लिविग पर सेमिनार में 60 लोगों ने भाग लिया। सेमिनार का आयोजन हंबल टू बी चंडीगढि़यन ट्रस्ट ये सेमिनार कराया। सेमिनार के दौरान साइकेटिस्ट डा. दमनजीत कौर ने नेगेटिविटी व सुसाइडल प्रवृत्ति के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि सुसाइड समाज और लोगों के लिए एक समस्या है। परीक्षा में असफल होने जैसी कुछ तात्कालिक घटनाओं के कारण या व्यवसाय में लगातार नुकसान जैसे कुछ लंबे समय तक तनाव के कारण एक व्यक्ति सुसाइड का प्रयास कर सकता है। संकट के समय उचित मनोवैज्ञानिक हस्तक्षेप व्यक्ति को आत्मघाती विचारों से निपटने में मदद करता है।

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डब्ल्यूएचओ के अनुसार विश्व स्तर पर हर साल आठ लाख लोग सुसाइड करते हैं। यानी हर 40 सेकेंड में एक व्यक्ति वैश्विक आत्महत्याओं में से 77 प्रतिशत निम्न और मध्यम आय वाले देशों में होती है, जिनमें से 17 प्रतिशत भारत के निवासी हैं। औसतन भारत में रोजाना 381 आत्महत्याएं होती हैं। 15 से 24 वर्ष की आयु के लोगों के लिए यह दुनिया में मृत्यु का दूसरा प्रमुख कारण है। उन्होंने कहा कि सुसाइड एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है जिसे रोका जा सकता है। रोकथाम और नियंत्रण के बारे में बात करते हुए कहा कि सुसाइड की रोकथाम के प्रयासों के लिए समाज के कई क्षेत्रों के बीच समन्वय और सहयोग की आवश्यकता है। ये प्रयास व्यापक और एकीकृत होने चाहिए, क्योंकि अकेले कोई एक दृष्टिकोण आत्महत्या जैसे जटिल मुद्दे पर प्रभाव नहीं डाल सकता है। सामाजिक कार्यकर्ता व मोटिवेशनल स्पीकर कर्नल गुरसेवक सिंह (सेवानिवृत्त) ने स्ट्रेस मैनेजमेंट के प्रबंधन के बारे में बात की। इस अवसर पर आई बैंक पीजीआइ के प्रभारी डा. अमित गुप्ता ने नेत्रदान के महत्व के बारे में बताया। सेमिनार में फॉसवेक के चेयरमैन लजिदर सिंह बिटटू मुख्य अतिथि थे। इस मौके पर ट्रस्ट के अध्यक्ष सुभाष लूथरा भी मौजूद थे।


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