वर्ल्ड वर्ल्ड हेरिटेज डे: जब विधानसभा के लिए फ्रांस से आया गेट
पंजाब हरियाणा और चंडीगढ़ का ब्रेन कहे जाने वाले कैपिटल कांप्लेक्स में हर बिल्डिग और मॉन्यूमेंट एक खास संदेश समेटे है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ का ब्रेन कहे जाने वाले कैपिटल कांप्लेक्स में हर बिल्डिग और मॉन्यूमेंट एक खास संदेश समेटे है। चंडीगढ़ के निर्माता आर्किटेक्ट ली कार्बूजिए ने सन, स्पेस और साइलेंस के फार्मूले पर सिटी ब्यूटीफुल का डिजाइन तैयार किया था। उसी आधार पर कैपिटल कांप्लेक्स भी बनाया है। इसकी खासियत है कि पूरा कांप्लेक्स कंक्रीट से बना है। अपने अनूठे आर्किटेक्चर वर्क के लिए ही यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर का दर्जा दिया है। आइए आप भी जानिए इस धरोहर में क्या है खास..पंजाब एंड हरियाणा लेजिस्लेटिव असेंबली को समुद्री जहाज की शेप में बनाया गया है। इसका बाहरी आकार और टेरिस दूर से समुद्री जहाज का एहसास कराता है। डिजाइन इस तरह से किया गया है कि इसमें हवा और सूर्य का प्रकाश आसानी से प्रवेश कर सकता है। ताकि ऊर्जा की बचत हो। आर्किटेक्ट कार्बूजिए फ्रांस के नागरिक थे। इसलिए विधानसभा का मेन गेट स्पेशल फ्रांस से आया था। ली कार्बुजिए ने खुद इसे पेंट किया था। अभी भी इसमें भरे रंग कार्बूजिए के ही हैं। हाईकोर्ट का डिजाइन शिप पोर्ट जैसा
विधानसभा के सामने ही पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट है। विधानसभा जहां समुद्री जहाज जैसी शेप में है तो हाईकोर्ट का डिजाइन शिप पोर्ट जैसा है। ऐसा लगता है मानों समुद्री जहाज यहीं से निकला है। इसकी खासियत डबल रूफ है। टेरिस को शेल्टर जैसी शक्ल दी है। इसे शेल्टर ऑफ जस्टिस भी कहते हैं। यानी ऐसा शेल्टर जिसके नीचे हर कोई बराबर है। हर किसी को न्याय मिलेगा। लाल, हरे, पीले और काले रंग के पिलर सभी को आकर्षित करते हैं। पत्थरों से बनी दीवारों में सैकड़ों रोशनदान और खिड़कियां पारदर्शी कार्यप्रणाली का संदेश देती हैं। खर्च कम करने के लिए रैंप बनाया है। चंडीगढ़ की सबसे ऊंची 10 मंजिली बिल्डिग कैपिटल कांप्लेक्स की तीसरी अहम बिल्डिग पंजाब एंड हरियाणा सेक्रेटेरिएट है। यह चंडीगढ़ की सबसे ऊंची बिल्डिग भी है। इस बिल्डिग में किसी भी सेवन स्टार होटल से ज्यादा वीआईपी रूम हैं। इसके निर्माण में ऐसी सामग्री है कि तेज भूकंप में बिल्डिग ढहेगी नहीं बल्कि एक तरफ झुक जाएगी। मैटल से बना ओपन हैंड हवा से बदलता है रुख
मैटल से बना ओपन हैंड मॉन्यूमेंट हवा के रुख से दिशा बदलता रहता है। यह ओपन टू गिव ओपन टू रिसीव का अनोखा संदेश देता है। बताया जाता है कि इस मॉन्यूमेंट को भाखड़ा बांध पर लगाने के लिए बनाया था। लेकिन बाद में इसे कैपिटल कांप्लेक्स में जगह दी गई। मॉन्यूमेंट के नीचे ओपन असेंबली बनाई है। जिसमें हर किसी को बोलने की आजादी, सुनने की आजादी का संदेश है। अब यहां कल्चरल इवेंट होने लगे हैं। ऊर्जा बचाने वाली शेडो
कैपिटल कांप्लेक्स में एक मॉन्यूमेंट टावर ऑफ शेडो है। जो ऊर्जा बचाने का संदेश देता है। सूर्य चाहे किसी भी दिशा में हो इसमें धूप प्रवेश नहीं करती। बंद दीवारों की बजाय पत्थरों को अलग-अलग डायरेक्शन में जोड़कर पूरा टावर बना है। जिससे हवा भी प्रवेश करती रहती है। वर्करों के लिए लड़ जाते थे कार्बूजिए
ली कार्बूजिए का डिजाइन कैपिटल कांप्लेक्स जितना खास है कार्बूजिए उतने ही सरल स्वभाव के साधारण व्यक्ति थे। चंडीगढ़ प्रशासन ने जब उनके वर्करों की पेमेंट रोक ली तो उन्होंने इसके लिए प्रशासन के उच्चाधिकारियों को चिट्ठी लिखी। एक बार तो वह नाराज होकर वापस फ्रांस लौट गए थे।