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World Cycle Day : सिटी ब्यूटीफुल के लोग जिन्हें साइकिल ने बना दिया खास

वक्त बदला है और लोगों की सोच भी। शहर की खूबसूरत सड़कों पर फिर से साइकिल लवर्स के काफिले बढ़ने लगे हैं।

By Vikas_KumarEdited By: Published: Wed, 03 Jun 2020 12:47 PM (IST)Updated: Wed, 03 Jun 2020 12:47 PM (IST)
World Cycle Day : सिटी ब्यूटीफुल के लोग जिन्हें साइकिल ने बना दिया खास
World Cycle Day : सिटी ब्यूटीफुल के लोग जिन्हें साइकिल ने बना दिया खास

चंडीगढ़, [डाॅ. सुमित सिंह श्योराण]। समाज में बेहतर बदलाव के लिए मजबूत इच्छा शक्ति और कुछ करने का जुनून होना चाहिेए। सिटी ब्यूटीफुल सही मायनों में साइकिल के लिए बनाया गया शहर है। लेकिन आधुनिकता की दौड़ में साइकिल के शहर में गाड़ियों की लंबी लाइनें लगने लगी। वक्त बदला है और लोगों की सोच भी। शहर की खूबसूरत सड़कों पर फिर से साइकिल लवर्स के काफिले बढ़ने लगे हैं। पेश है शहर की कुछ आम हस्तियां जिनका साइकिल के प्रति प्रेम ने उन्हें खास बना दिया है। दैनिक जागरण की खास पेशकश ...

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सिपाही ने बदली युवाओं की सोचः कांस्टेबल देवेंद्र सूरा

चंडीगढ़ पुलिस में कांस्टेबल देवेंद्र सूरा लोगों के लिए मिसाल है। पर्यावरण के प्रति इस शख्स में गजब का जज्बा है। साइकिल चलाओ अभियान से अभी तक 10 हजार से अधिक युवाओं को जोड़ चुके हैं। वेतन से तीन लाख से अधिक पौधे लगा पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रहे हैं। देवेंद्र ने बताया कि हैं कि 2012 में भर्ती होने के बाद से ही साइकिल चलाने और पेड़ लगाने के अभियान से जुट गया। एेसे हरेभरे शहर में रहने का मौका किस्मत वालों को मिलता है। देवेंद्र ड्यूटी और घर पर सभी काम साइकिल से ही करते हैं।

चंडीगढ़ पुलिस में कांस्टेबल देवेंद्र सूरा बीते आठ साल से साइकिल से पर्यावरण बचाव को लेकर लोगों को जागरुक कर रहे हैं।

साइकिल ने बदल दी जिंदगीः दीपक सिंगला

यह बिल्कुल सचा है कि साइकिल ने सही मायनों में जिंदगी बदल दी है। घंटों तक कामकाज के कारण केमिस्ट शाॅप पर बैठना पड़ता था। कुछ साल पहले शुगर की शिकायत हुई। साइकिलिंग की शुरुआत करते ही मेरी सेहत और सोच दोनों बदल गए। हर रोज 25 से 30 किलोमीटर साइकिल चलाता हूं। वीकेंड पर दोस्तों के साथ लंबी ड्राइव पर निकल जाता हूं। चंडीगढ़ और पंचकूला में तो साइकिल के लिए बहुत ही अच्छी सड़के हैं। फिटनेस और पर्यावरण के लिए साइकिल से बेहतर कोई विकल्प नहीं। मेरे ग्रुप में 50 से अधिक साथी जुड़ चुके हैं।

पंचकूला निवासी दीपक सिंगला बीते कई सालों से साइकिल चला रहे हैं।

पीयू प्रोफेसर जिनकी पहचान साइकिल मैनः प्रो. रौनकी राम 

पंजाब यूनिवर्सिटी के सीनियर प्रोफेसर रौनकी राम कैंपस में साइकिल मैन से जाने जाते हैं। प्रो. रौनकी राम बीते 35 सालों से पीयू कैंपस में रुटीन में साइकिल चला रहे हैं। कैंपस के कई प्रोफेसर इनसे प्रेरित होकर साइकिल चलाने लगे हैं। दैनिक जागरण से बातचीत में प्रो. रौनकी ने कहा कि साइकिल इस शहर की धरोहर है। इसे हमें मिलकर बचाना है। प्रो. रौनकी पीयू सीनेट, सिंडीकेट के अलावा देश दुनिया भर की यूनिवर्सिटी के एकेडमिक बोर्ड और विभिन्न शोध संस्थानों से जुड़ हैं।

पंजाब यूनिवर्सिटी में पाॅलिटिकल साइंस के सीनियर प्रोफेसर रौनकी राम पर्यावरण के मामले में रोल माॅडल हैं।

डाॅक्टर की पहल ने बदली लोगों की सोचः डाॅ. सुनैना बंसल

शहर के प्राइवेट हाॅस्पिटल में स्त्री रोग विशेषज्ञ डाॅ. सुनैना बंसल बीते आठ सालों से रुटीन में साइकिल चला रही हैं। घर से हाॅस्पिटल और दूसरे काम साइकिल पर ही करती हैं। उन्होंने बताया कि शुरुआती दिनों में मेरा आॅफिस में साइकिल पर आना अटपटा लगा, लेकिन अब तो दूसरे साथी भी साइकिल चलाने लगे हैं। उन्होंने कहा कि तंदुरुस्त रहने के लिए साइकिलिंग से बेहतर कोई विकल्प नहीं है। बीते समय में इनके साइकिलगीरी ग्रुप से 400 से अधिक लोग जुड़ चुके हैं, जिसमें काफी संख्या में महिलाएं और लड़कियां शामिल हैं।

स्त्री रोग विशेषज्ञ डाॅ.सुनैना बंसल पिछले 8 सालों से घर से दफ्तर साइकिल पर ही आती हैं।


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