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World AIDS Day 2022: चंडीगढ़ में घटी एड्स मरीजों की संख्या, शहर में कुल 83 HIV पेशेंट

World AIDS Day 2022 पूरे देश में चंडीगढ़ में एड्स का सबसे कम खतरा है। अच्छी बात यह है कि चंडीगढ़ स्वास्थ्य विभाग ने एड्स जैसी घातक बीमारी पर लगभग नियंत्रण पा लिया है। शहर में एचआइवी पॉजिटिव मरीजों की संख्या में तेजी से गिरावट दर्ज की गई है।

By Ankesh ThakurEdited By: Published: Wed, 01 Dec 2021 11:54 AM (IST)Updated: Wed, 01 Dec 2021 11:54 AM (IST)
World AIDS Day 2022: चंडीगढ़ में घटी एड्स मरीजों की संख्या, शहर में कुल 83 HIV पेशेंट
शहर में एचआइवी पॉजिटिव मरीजों की संख्या में तेजी से गिरावट दर्ज की गई है।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। World AIDS Day 2022: पूरे देश में चंडीगढ़ में एड्स का सबसे कम खतरा है। अच्छी बात यह है कि चंडीगढ़ स्वास्थ्य विभाग ने एड्स जैसी घातक बीमारी पर लगभग नियंत्रण पा लिया है। शहर में एचआइवी पॉजिटिव मरीजों की संख्या में तेजी से गिरावट दर्ज की गई है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2012 में शहर में 7.12 फीसद लोग एचआइवी पॉजिटिव थे। जोकि वर्ष 2019 से अक्टूबर 2021 तक के मौजूदा आंकड़े के अनुसार अब शहर में एचआइवी पॉजिटिव मरीजों की संख्या 0.53 फीसद ही रह गई है।

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यह जानकारी स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी की ओर से दी गई। रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2019 से अक्टूबर 2020 तक शहर में 65,782 का एचआइवी टेस्ट किया गया। इनमें से 343 यानी 0.52 फीसद लोग एचआइवी पॉजिटिव पाए गए। जबकि बीते एक साल में 61,116 लोगों का वीडीआरएल टेस्ट किया गया। इनमें से 83 यानी 0.14 लोगों का वीडीआरएल टेस्ट पॉजिटिव पाया गया। एक दिसंबर को वर्ल्ड एड्स डे मनाया जाता है, वर्ल्ड एड्स डे पर एक विशेष रिपोर्ट।

अक्टूबर तक 11,432 गर्भवती महिलाओं का एचआइवी टेस्ट किया गया

जनवरी से अक्टूबर 2021 तक 11,432 गर्भवती महिलाओं का एचआइवी टेस्ट किया गया। इनमें से छह महिलाएं एचआइवी पॉजिटिव पाई गई। एचआइवी का 0.05 फीसद दर्ज किया गया। इसके अलावा 43,213 सामान्य लोगों का एचआइवी टेस्ट किया गया। इसमें से 231 लोग यानी 0.53 फीसद एचआइवी पॉजिटिव पाए गए। 22 एचआइवी लोगों की मौत हो गई। जबकि 56 एचआइवी मरीज दूसरे राज्य जा चुके हैं।

एड्स का होता है निःशुल्क इलाज

चंडीगढ़ स्वास्थ्य विभाग और स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी की ओर से एड्स के मरीजों का निशुल्क इलाज किया जाता है। इसके अलावा निशुल्क दवाइयां तक उपलब्ध कराई जाती है। एचआइवी के मरीज सामान्य दवाइयां खाकर अपना जीवन जी सकते हैं। इसके लिए सरकार की ओर एचआईवी की दवा मुफ्त में दी जाती है। इसमें एक गोली होती है, जिसमें तीन दवाएं होती हैं, यह एक गोली रोजाना खानी होती है। यह दवा की खुराक छूटनी नहीं चाहिए। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक सरकार ने वर्ष 2030 तक पूरे देश को एड्स मुक्त बनाने का लक्षय रखा है।


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