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शिक्षा के क्षेत्र में नए प्रयोगों की जरूरत : प्रो. तोमर

पंजाब विश्वविद्यालय के यूजीसी-मानव संसाधन विकास केंद्र (एचआरडीसी) ने शिक्षकों के लिए एक सप्ताह का आनलाइन शिक्षक विकास कार्यक्रम बुधवार को संपन्न हो गया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Jan 2021 07:12 PM (IST)Updated: Wed, 20 Jan 2021 07:12 PM (IST)
शिक्षा के क्षेत्र में नए प्रयोगों की जरूरत : प्रो. तोमर
शिक्षा के क्षेत्र में नए प्रयोगों की जरूरत : प्रो. तोमर

जागरण संवाददाता, चंडीगढ :

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पंजाब विश्वविद्यालय के यूजीसी-मानव संसाधन विकास केंद्र (एचआरडीसी) ने शिक्षकों के लिए एक सप्ताह का आनलाइन शिक्षक विकास कार्यक्रम बुधवार को संपन्न हो गया। कार्यक्रम का केंद्रीय विषय डिजिटल युग में प्रभावी संचार रहा। 8 राज्यों के 21 विषयों के शिक्षकों ने इसमें हिस्सा लिया। कार्यक्रम के समापन सत्र में मुख्य अतिथि के तौर पर एचआरडी के मानद निदेशक प्रो. एसके तोमर ने कहा कि आज का युग बदलाव का युग है। शिक्षा के क्षेत्र में भी नए प्रयोग करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों से प्रभावी संवाद बनाने के लिए न सिर्फ डिजिटल माध्यम का उपयोग जरूरी है, बल्कि डिजिटल माध्यमों में शिक्षकों को दक्षता भी हासिल करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम से प्रतिभागियों को काफी कुछ नया सीखने को मिलेगा।  समापन सत्र की मुख्य वक्ता व शिक्षा विभाग की वरिष्ठ प्रोफेसर नंदिता सिंह ने डिजिटल संचार, मल्टीटास्किग और ध्यान विषय पर कहा कि डिजिटल युग में एकाग्रता बनाना बहुत बड़ी चुनौती है। उन्होंने योग और अध्यात्म की भूमिका पर विस्तार से चर्चा की। कार्यक्रम की समन्वयक व जन संचार अध्ययन स्कूल की सहायक प्रोफेसर डा. भवनीत भट्टी ने सात दिनों के कार्यक्रम की रिपोर्ट प्रस्तुत की। इस दौरान न सिर्फ डिजिटल माध्यमों से जुड़े विशेषज्ञों को आमंत्रित किया गया, बल्कि स्वास्थ्य, कानून, साहित्य आदि विषयों के विशेषज्ञों को भी विशेष रूप से निमंत्रित किया गया। कार्यक्रम में बालेंदु शर्मा दाधीच (निदेशक माइक्रोसाफ्ट),  पूर्वा ग्रोवर (दुबई), डा. धनंजय चोपड़ा (इलाहाबाद), प्रो. अनुभूति यादव (आइआइएमसी),  प्रो. संजीव भानावत (राजस्थान विश्वविद्यालय) विवेक अत्रे (पूर्व आइएएस), प्रो. मनीष वर्मा ( एमिटी यूनिवर्सिटी, गुड़गांव), प्रो. अरुण सेल्वन (इग्नू, नई दिल्ली), प्रो. कंचन मलिक (हैदराबाद विश्विद्यालय), मुकेश खरबंदा, प्रो. रमेश शर्मा, पीजीआइ चंडीगढ़ से डा. कपिल गोयल व अखिलेश और पंजाब विश्वविद्यालय से प्रो. दीप्ति गुप्ता, डा टीपी सिंह और प्रो. देवेंद्र सिंह भी शामिल हुए।  एचआरडीसी की उपनिदेशक डा. जयंती दत्ता ने कार्यक्रम को सफलता पूर्ण करने पर सभी प्रतिभागियों को बधाई दी और उम्मीद जताई कि भविष्य में भी पंजाब विश्वविद्यालय के एचआरडीसी के सहयोग से ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।


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