रिश्तों में कड़वाहट के बावजूद Kartarpur Corridor पर पाकिस्तान की तेज चाल, ये हैं आशंकाएं...
करतारपुर कॉरिडोर पर पाकिस्तान की तेज चाल से उसकी नीयत पर सवाल उठ खड़ा हुआ है। बड़ा सवाल यह है कि क्या वह वास्तव में भारत के साथ संबंध सुधारना चाहता है या कुछ और।
चंडीगढ़ [इन्द्रप्रीत सिंह]। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद भारत-पाक संबंधों में काफी कड़वाहट आ गई है। पाकिस्तान ने भारत के साथ हर तरह का व्यापार बंद कर दिया है। पड़ोसी देश से एयर स्पेस बंद करने पर विचार की भी खबरें आ रही हैं। बावजूद इसके आगामी 12 नवंबर को श्री गुरु नानक देव जी का 550वां प्रकाशोत्सव को मनाने के लिए करतारपुर कॉरिडोर को खोलने की तैयारियां जोरों पर हैं।
करतारपुर कॉरिडोर पर पाकिस्तान सरकार की तेज चाल से उसकी नीयत पर सवाल उठ खड़ा हुआ है। बड़ा सवाल यह है कि क्या वह वास्तव में भारत के साथ संबंध सुधारना चाहता है या फिर वह भारत और पाकिस्तान में बसे सिखों का भरोसा जीतने में लगी है? कहीं पाकिस्तान इस रास्ते का इस्तेमाल भारत में आतंकी गतिविधियों बढ़ाने के लिए तो नहीं करेगा?
पाकिस्तान सरकार का दावा है कि उसने अपने इलाके में 70 फीसद काम पूरा कर लिया है। हालांकि रावी नदी पर बनने वाला पुल प्रकाशोत्सव से पहले बनाया जाना संभव दिखाई नहीं दे रहा है। 30 अगस्त को दोनों देशों के तकनीकी माहिरों की मीटिंग में भी इस मुद्दे पर विचार किया गया और तय किया गया कि करतारपुर साहिब आने वाले यात्रियों की सुविधा के लिए एक सर्विस रोड़ बनाई जाएगी।
पाकिस्तान के पूर्व आर्मी चीफ ने दी जेहाद की धमकी
जम्मू-कश्मीर के ताजा हालात पर भारत को युद्ध की धमकी देने वाले पाकिस्तान के पूर्व आर्मी चीफ मिर्जा असलम बेग का कहना है कि जेहाद ही भारत को सबक सिखाने का एकमात्र रास्ता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान करतारपुर कॉरिडोर का इस्तेमाल खालिस्तानी आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए करेगा। पाकिस्तान की सेना और सरकार खालिस्तानी मुहिम के जरिए भारत को परेशान करेगी। उन्होंने कहा कि लाइन ऑफ कंट्रोल जेहादियों को भारत में घुसने से रोक नहीं सकती।
कैप्टन जता चुके हैं पाकिस्तान की नीयत पर शक
यहां यह भी बताना दिलचस्प है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने जब सत्ता संभाली थी तब पंजाब के तत्कालीन कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू उनके शपथ ग्रहण समारोह में शरीक हुए थे। तब पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा ने सिद्धू से गले मिलते ही कहा था कि पाकिस्तान सरकार करतारपुर कॉरिडोर खोलने पर विचार कर रही है। उसी समय मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस तरह की गतिविधियों पर आशंका व्यक्त की थी और नवजोत सिद्धू को संभल करने चलने को कहा था।
कैप्टन ने कहा था कि पाकिस्तान का इतिहास इस बात का गवाह है कि इस तरह की हरकतें आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देता है। उन्होंने कहा था कि वह करतारपुर कॉरिडोर खोले जाने की कार्यवाही से काफी खुश हैं, लेकिन हमें संभलकर चलने की जरूरत है। यही नहीं, हाल में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी भी करतारपुर कॉरिडोर का काम बंद करने की बात कह चुके हैं। इस पर पंजाब में काफी हंगामा भी हुआ था।
जाखड़ बोले- भारत की सेना पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम
दूसरी ओर शनिवार को सत्ताधारी पंजाब कांग्रेस के प्रधान सुनील जाखड़ ने पाकिस्तान के पूर्व आर्मी चीफ असलम बेग और स्वामी को जवाब देते हुए कहा कि परमात्मा की कृपा से यह रास्ता खुल रहा है। ऐसे में वे बाधाएं पैदा न करें। उन्होंने कहा कि करतारपुर कॉरिडोर के खोले जाने से पहले भी पाकिस्तान आतंकी गतिविधियों को भारत में बढ़ाता रहा है और आगे भी बढ़ाएगा। उसके ऐसे इरादों का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारत की सेना सक्षम है। उन्होंने कहा कि आतंकी गतिविधियों से हम खुद निपट लेंगे।
भारत की तरफ निर्माण कार्य में आई तेजी
पंजाब के लोक निर्माण विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी हुसन लाल ने इस आशंका को गलत बताया कि डेरा बाबा नानक से बॉर्डर तक चलने वाला काम तेजी से नहीं हो रहा है। उन्होंने बताया कि हमारा काम केवल सड़क को चौड़ा करना और आइसीपी बनाना है। उस पर पूरी रफ्तार से काम चल रहा है। चूंकि अब कंपनियां पूरा काम साइट पर नहीं करती, बल्कि बना हुआ मेटिरियल ही फिट करती हैं, इसलिए यह धीमा चल रहा मालूम पड़ता है।
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