चंडीगढ़ की महिला को Vaccine लगी नहीं, मोबाइल पर आ गया वैक्सीन का बधाई मैसेज और सर्टिफिकेट
टीकाकरण हो रहा हो या नहीं लेकिन आप वैक्सीन ले चुके हैं का बधाई संदेश किसी को भी आ सकता है। क्योंकि ऐसा ही मामला चंडीगढ़ में सामने आया है। जहां एक महिला को टीका लगा नहीं और उन्हें बधाई संदेश हो सर्टिफिकेट मोबाइल पर आ गया है।
चंडीगढ़, जेएनएन। इसे गड़बड़ी कहें या लापरवाही क्योंकि बिना कोविड वैक्सीनेशन लगवाए ही मोबाइल पर मैसेज और वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट मिल जाए। ऐसा ही मामला शुक्रवार को चंडीगढ़ में सामने आया है। शहर की एक महिला जिसने अभी तक वैक्सीन की पहली डोज भी नहीं ली है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की तरफ से उन्हें वैक्सीनेशन हो जाने का मैसेज आ चुका है। यह अपने आप में ही हैरान करने वाला वाक्या है।
चंडीगढ़ के सेक्टर-15 की रहने वाली पूनम अग्रवाल को कोविड वैक्सीन तो नहीं लगी, लेकिन वैक्सीन की पहली डोज लेने का बधाई मैसेज उनके मोबाइल पर जरूर आ गया है। 50 साल की पूनम ने मंगलवार को ऑनलाइन पोर्टल से टीकाकरण के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करवाया था। वह कोवैक्सीन लगवाना चाहती थी, लेकिन अभी शहर में टीका नहीं है। ऐसे में उन्होंने मोहाली फेज-6 सिविल हाॅस्पिटल को चुना।
रजिस्ट्रेशन के बाद सुबह 9 से 10 बजे के बीच मिले स्लाॅट में वह मोहाली के सिविल हाॅस्पिटल पहुंची, लेकिन जैसे ही वह हाॅस्पिटल पहुंची तो उन्हें पता चला कि वहां कोवैक्सीन नहीं है, कोविशिल्ड वैक्सीन लगाई जा रही है। जब उन्होंने स्टाफ से पूछा तो उन्हें कहा गया कि वह इस बारे में कुछ नहीं बता सकते। ऐसे में पूनम अग्रवाल और उनके पति ईश्वर अग्रवाल बिना वैक्सीन की डोज लिए ही वापस लौट आए। क्योंकि वह कोवैक्सीन की डोज लगवाना चाहती थीं। लेकिन एक घंटे बाद उनके मोबाइल फोन पर मैसेज आया कि पूनम अग्रवाल को कोवैक्सीन का पहला डोज दे दिया गया है। इतना ही नहीं उन्हें मोबाइल पर वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट भी आ गया है। जिसमें कोवैक्सीन का बैच नंबर और डाॅक्टर का नाम भी लिखा गया है।
पूनम के पति ईश्वर अग्रवाल ने बताया कि जब इसके बारे में हमें हाॅस्पिटल से कोई जानकरी नहीं दी जा रही है। असल में अब हमें वैक्सीन लगवाने में दिक्कत आएगी, क्योंकि उन्हें वैक्सीन की पहली डोज का मैसेज आ चुका है।
पूनम अग्रवाल के परिवार ने इस मामले की शिकायत अब पंजाब के सीएम, हेल्थ मिनिस्ट्री और पीएम से की भी है। जिसमें उन्होंने सारी घटना का जिक्र किया है और साथ ही यह भी लिखा कि कोविन एप पर अब भी कई ऐसे हाॅस्पिटल कोवैक्सीन दिखा रहे हैं जहां असल में कोवैक्सीन है ही नहीं। न ही हाॅस्पिटल से इसके बारे में उन्हें कोई जानकारी दी गई है। जब हाॅस्पिटल में कोवैक्सीन नहीं थी तो वैक्सीन लगाने का सर्टिफिकेट क्यों भेज दिया। यह वैक्सीन तो अस्पताल में स्टाक में है ही नहीं।