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एक साल और करना होगा जलसंकट से राहत को इंतजार

शहर के लोगों को बस कुछ माह का ओर इंतजार करना होगा। इसके बाद जलसंकट से जूझ रहे शहरवासियों को कुछ राहत मिलेगी।

By JagranEdited By: Published: Thu, 25 Jun 2020 09:53 PM (IST)Updated: Thu, 25 Jun 2020 09:53 PM (IST)
एक साल और करना होगा जलसंकट से राहत को इंतजार
एक साल और करना होगा जलसंकट से राहत को इंतजार

जागरण संवाददाता, मोहाली: शहर के लोगों को बस कुछ माह का ओर इंतजार करना होगा। इसके बाद जलसंकट से जूझ रहे शहरवासियों को कुछ राहत मिलेगी। करीब एक दशक बाद शहर में पीने के पानी की कमी पूरा करने के लिए कजौली से नहरी पानी लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। ग्रेटर मोहाली एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (गमाडा) की ओर से शहर में नहरी पानी लाने के लिए खरड़ के सिंहपुर में बनने वाले वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट से लेकर सेक्टर-66 के अंडरग्राउंड वाटर टैंक तक 16 किलोमीटर लंबी पाइप लाइन डाली जाएगी। पाइप डालने का काम जल्द शुरू कर दिया जाएगा। एयरपोर्ट रोड पर इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस से लेकर टीडीआइ रोड पर बड़ी-बड़ी पाइपें सड़क किनारे रखी गई हैं। ध्यान रहे कि लॉकडाउन से पहले पाइप लाइन डालने का टेंडर पास किया गया था और पाइपों का ऑर्डर भी कर दिया गया था। लॉकडाउन खुलने के साथ ही पाइपों का आना शुरू हो गया था। अब जल्द ही पाइप डालने का काम भी शुरू कर दिया गया है। इस काम को जून 2021 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। बीस एमजीडी मिलेगा पानी

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गमाडा की ओर से सिंहपुर में जो वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाया जा रहा है, वह 20 एमजीडी (मेगा गेलन डेली) का है। जबकि मोहाली को 45 एमजीडी नहरी पानी मिलना है। फिलहाल 20 एमजीडी है इसलिए छोटा ट्रीटमेंट प्लांट बनाया जा रहा है। प्लांट से नहरी पानी सेक्टर-66 में लाने के लिए पाइप लाइन डाली जा रही है। 16 किमी लंबी पाइपलाइन डालने का काम 60 करोड़ की लागत से किया जाएगा। फिलहाल सेक्टर 66,67 के प्लांट तक यह लाइन डाली जाएगी, उसके बाद आइटी सिटी, एरो सिटी और अन्य हिस्सों के लिए बाद में लाइन डाली जाएगी। सिंहपुर में नागपुर की कंपनी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाने का काम कर रही है।

हाईकोर्ट पहुंचा था मामला

लॉकडाउन के चलते काम प्रभावित हुआ है इसलिए केंद्र की हिदायत अनुसार इस काम की भी एक्सटेंशन दे दी गई है। छह महीने और आगे काम करने की समय सीमा बढ़ा दी गई है। ट्रीटमेंट प्लांट का काम पूरा होते ही पानी को शहर में ले जाया जाए इसलिए पहले पाइप लाइन डाली जा रही है। इस काम पर निगरानी रखी जा रही है। नहर का पानी शहर में चंडीगढ़ की तर्ज पर पीने के लिए लाने को लेकर 2009 से चर्चा चल रही थी। इसको लेकर पाइप लाइन डालने का काम अटका हुआ था। चंडीगढ़ और मोहाली ने मिलकर पाइपलाइन डाली थी। पूर्व पार्षद कुलजीत सिंह बेदी इस मामले को हाईकोर्ट में लेकर गए थे। हाईकोर्ट के निर्देश पर 80 एमजीडी की पाइप लाइन डालने का कजौली से लेकर सिंहपुरा तक काम शुरू किया गया। अभी पानी को लेकर बंटवारा नहीं हुआ है, लेकिन मोहाली को 20 एमजीडी पानी मिलना है। इसलिए 25 एमजीडी का ट्रीटमेंट प्लांट बनाया जा रहा है।


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