आखिर कहां है चंडीगढ़ की सांसद किरण खेर, आज होगा खुलासा
चंडीगढ़ की सांसद किरण खेर इन दिनों कहां है इस बात को लेकर शहर की राजनीति गरमा गई है। कांग्रेस ने उनके गुम होने का आरोप लगा जगह जगह पोस्टर लगाए हैं। ऐसे में भाजपा चंडीगढ़ अध्यक्ष अरुण सूद ने आज प्रेस कांफ्रेंस बुलाई है।
चंडीगढ़, जेएनएन। आखिरकार चंडीगढ़ की भाजपा सांसद किरण खेर पिछले डेढ़ साल से कहां है। क्यों नहीं वह शहर के किसी कार्यक्रम में शामिल होती। डेढ़ साल से किसी ने सांसद किरण खेर से भी मुलाकात नहीं की। इन सब सवालों का जवाब बुधवार दोपहर एक बजे तक मिल जाएगा।
सांसद किरण खेर से जुड़े सभी सवालों का जवाब देने के लिए चंडीगढ़ भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद ने पार्टी कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस बुलाई है। जिसमें वह सुबूतों के आधार पर बताएंगे कि सांसद किरण खेर कहां है और क्यों नहीं शहर में आ रही।
मालूम हो कि सांसद किरण खेर ने इस दौरान लोकसभा के किसी सत्र में भी भाग नहीं लिया। कांग्रेस ने सांसद किरण खेर के गायब होने को मुद्दा बनाया हुआ है। कांग्रेस पार्टी ने अब पानी के बढ़े हुए रेट के बाद सांसद किरण खेर को मुद्दा बना लिया है। इसलिए चंडीगढ़ भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद को खुद सांसद का बचाव करते हुए सामने आना पड़ा है। प्रेस वार्ता से पहले भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद की सांसद किरण खेर से भी बात हुई है। सूत्रों का दावा है कि इस समय सांसद किरण खेर मुबंई में है।
चार दिन पहले भाजपा ने कांग्रेस पार्षद सतीश कैंथ के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए उनके वार्ड में प्रदर्शन किया था। उस समय भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस पार्षद अपने वार्ड से गायब हैं। तब उस समय कांग्रेस को सांसद के गायब होने का मुद्दा मिल गया है। प्रेसवार्ता में भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद सांसद किरण खेर की ओर से पिछले एक साल में किए गए कार्यों की जानकारी भी देंगे। सूद पहले भी कह चुके हैं कि सांसद किरण खेर डायबिटक हैं और कोरोना के चलते उन्हें डॉक्टरों ने घर से बाहर निकलने के लिए मना किया है।
मालूम हो कि लॉकडाउन के दौरान सांसद चंडीगढ़ में अपने सरकारी घर पर थी। भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद का कहना है कि सांसद किरण खेर क्यों नहीं आ रही प्रेसवार्ता में वह इसका जवाब सुबूत के साथ देंगे। उनका कहना है कि जो कांग्रेस इस समय घटिया राजनीति कर रही है उन्हें नहीं करना चाहिए। कांग्रेस पार्षद सतीश कैंथ ने मंगलवार को सलाहकार मनोज परिदा को पत्र लिखकर सांसद की नगर निगम से सदस्तया खारिज करने की मांग की थी। क्योंकि नियम के अनुसार अगर कोई पार्षद एवं सदस्य तीन माह तक नहीं आता तो उसकी सदस्यता खारिज हो सकती है।
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