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पीने लायक नहीं है चंडीगढ़ का पानी, गुणवत्ता की रैंकिंग में आठवें नंबर पर Chandigarh News

केंद्र सरकार ने पानी की गुणवत्ता की रैंकिंग जारी की है जिसमें पानी की शुद्धता पर चंडीगढ़ की रैंकिंग आठवें नंबर पर रही है। जोकि चंडीगढ़ नगर निगम के लिए चिंता का विषय है।

By Sat PaulEdited By: Published: Sun, 17 Nov 2019 08:53 AM (IST)Updated: Sun, 17 Nov 2019 06:10 PM (IST)
पीने लायक नहीं है चंडीगढ़ का पानी, गुणवत्ता की रैंकिंग में आठवें नंबर पर Chandigarh News
पीने लायक नहीं है चंडीगढ़ का पानी, गुणवत्ता की रैंकिंग में आठवें नंबर पर Chandigarh News

चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब व हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ में देशभर के शहरों के मुकाबले में सबसे ज्यादा प्रति व्यक्ति पानी मिलता है, लेकिन शुद्धता के मामले में चंडीगढ़ अव्वल नहीं है। जबकि स्मार्ट सिटी कंपनी शहर में 24 घंटे पानी की सप्लाई शुरू करने के प्रोजेक्ट पर काम कर रही है।

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शनिवार को केंद्र सरकार ने पानी की गुणवत्ता की रैंकिंग जारी की है जिसमें पानी की शुद्धता पर चंडीगढ़ की रैंकिंग आठवें नंबर पर रही है। जोकि चंडीगढ़ नगर निगम के लिए चिंता का विषय है जबकि शहर को सिटी ब्यूटीफुल का दर्जा प्राप्त है। केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने पानी की गुणवत्ता की रैंकिंग शनिवार को जारी की है। भारतीय मानक ब्यूरो ने इसकी रिपोर्ट तैयार की है। चंडीगढ़ में हर साल किसी न किसी एरिया में गंदा पानी पीने से दर्जनों लोग बीमार होते हैं। जांच में सैंपल भी फेल हो चुके हैं।

21 शहरों की रैंकिंग की गई जारी

रिपोर्ट के अनुसार 21 शहरों की रैंकिंग में दिल्ली सबसे आखिरी पायदान पर है जबकि मुंबई शीर्ष पर। यानी मुंबई का पानी सबसे शुद्ध है। मालूम हो कि केंद्र सरकार ने रैंकिंग से पहले सर्वे के दौरान चंडीगढ़ की पानी की सप्लाई सैंपल भी जांचे हैं जिसके आधार पर ही चंडीगढ़ की रैकिंग तय की गई है। पानी की गुणवत्ता की जांच के लिए दिल्ली के अलावा देशभर में 20 राज्यों की राजधानियों से पानी के नमूने लिए गए थे। दूसरे नंबर पर हैदराबाद और तीसरे नंबर पर भुवनेश्वर है।

हर साल पानी से 90 करोड़ रुपये का घाटा

इस समय कजौली वाटर वर्क्‍स के छह फेजों से शहरवासियों को पानी की सप्लाई आ रही है। इन छह फेज से 87 एमजीडी पानी की सप्लाई आती है जबकि शहर के 220 ट्यूबवेल से अलग से 22 एमजीडी पानी आता है। पांचवें और छठे फेज का निर्माण दो माह ही पूरा हुआ है। जिससे सुबह और शाम एक-एक घंटा पानी की अतिरिक्त सप्लाई बढ़ी है। नगर निगम को हर साल पानी की सप्लाई करके 90 करोड़ रुपये का घाटा हो रहा है। इसका कारण यह है कि साल 2011 से पानी के रेट नहीं बढ़े हैं। पंजाब, हरियाणा और दिल्ली से भी चंडीगढ़ में पानी का शुल्क कम है। 

मौलीजागरां में गंदे पानी की सप्लाई से हो चुकी है एक व्यक्ति की मौत

2012 में मौलीजागरां में गंदे पानी की सप्लाई से एक व्यक्ति की मौत भी हो चुकी है। जबकि कॉलोनियों और गांवों में समय-समय पर गंदे पानी की सप्लाई की लोग भी शिकायत कर चुके हैं। चार माह में भाजपा की पार्षद चंद्रवती शुक्ला अपने सेक्टर-52 में आ रहे गंदे पानी की सप्लाई की बोतल भरकर लाई। अपनी आवाज रखने के लिए उन्होंने गंदे पानी को सदन की बैठक में कारपेट पर भी गिराया था। इसके अलावा भी सदन की बैठक में समय-समय पर पार्षद गंदे पानी की सप्लाई का मामला उठाते रहे हैं। जबकि अधिकारी हमेशा शहरवासियों का ही कसूर निकालते हैं कि सीवरेज की पाइपों के ऊपर लोगों ने अतिक्रमण कर लिया है जिस कारण साफ पानी के की पाइप के साथ सीवरेज का पानी मिक्स होता है। 2017 में सेक्टर-18 जैसे एरिया में भी गंदे पानी की सप्लाई से लोग बीमार हो चुके हैं। इस वार्ड की पार्षद आशा जसवाल हैं जबकि साल 2017 में जसवाल ही नगर निगम की मेयर थी। डड्डूमाजरा में अभी भी कई बार लोग गंदे पानी की शिकायत करते रहते हैं।

सरकार से लेंगे रिपोर्ट, खामियां करेंगे दूर : मेयर

मेयर राजेश कालिया का कहना है कि केंद्र सरकार से डिटेल रिपोर्ट ली जाएगी। जहां-जहां पर खामियां दिखेंगी, उसे दूर किया जाएगा। वैसे शहरवासियों को इस समय काफी शुद्ध पानी की सप्लाई की जा रही है।

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