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पौंग डैम में पानी खतरे के निशान से ऊपर, लेकिन मौसम ने दी राहत

पंजाब के पौंग डैम में पानी लबालब भर गया है और जलस्‍तर खतरे के‍ निशान को पार कर गया है। इससे थोड़ा भी और पानी आने पर डैम से आेवरफ्लो हो सकता है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 27 Sep 2018 02:58 PM (IST)Updated: Thu, 27 Sep 2018 02:58 PM (IST)
पौंग डैम में पानी खतरे के निशान से ऊपर, लेकिन मौसम ने दी राहत
पौंग डैम में पानी खतरे के निशान से ऊपर, लेकिन मौसम ने दी राहत

जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब में मौसम साफ रहने के बावजूद बाढ़ का खतरा बरकरार है। खतरे का मुख्य कारण पौंग डैम है। ब्यास नदी पर होशियारपुर में मिट्टी की दीवार से बनाए गए एशिया के सबसे बड़े पौंग डैम स्थित महाराणा प्रताप सागर झील में जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। इससे डैम से पानी के ओवरफ्लो का खतरा है। वैसे, वीरवार को भी मौसम साफ रहने से राहत की मिली है। यद‍ि और बारिश होती तो डैम से पानी के ओवरफ्लो का खतरा बढ़ जाता।

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जलस्तर 1391.11 फीट पहुंचा, खतरे का निशान 1390 फीट

पौंग डैम में बुधवार को जलस्‍तर 1391.11 फीट तक पहुंच गया। खतरे का निशान 1390 फीट निर्धारित किया गया है। इसके बाद अधिकारी इस प्रबंध में जुट गए कि डैम से पानी का आेवरफ्लो न हो। भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) के चीफ इंजीनियर सुरेश माथुर ने बताया कि 1410 फीट तक जलभराव क्षमता वाले इस बांध में पानी 1395 फीट तक भरा जा सकता है, भले ही खतरे का निशान 1390 फीट हो। इसलिए अभी और पानी रोका जा सकता है।

उन्‍होंने कहा कि फिलहाल स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है और डैम से अतिरिक्त पानी छोड़ने की जरूरत नहीं है। बता दें कि डैम से पानी छोड़ने की स्थिति में राज्‍य के निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बनने की आशंका है। इस समय डैम में 34917 क्यूसिक पानी की आवक हो रही है और बांध के बिजली घर की टरबाइनों के माध्यम से 12192 क्यूसिक पानी डिस्चार्ज हो रहा है। चार दिन में 15 फीट जलस्तर बढ़ा है।

भविष्य के लिए अच्छा

चीफ इंजीनियर सुरेश माथुर ने बताया कि झील का भरना बहुत अच्छा है। अब सारा साल पंजाब,  हिमाचल, हरियाणा तथा राजस्थान को सिंचाई के लिए भरपूर पानी उपलब्ध रहेगा। पूरी क्षमता से बिजली उत्पादन भी हो सकेगा।

रंजीत सागर डैम में टूटा रिकार्ड

रंजीत सागर डैम में बुधवार को जलस्तर 526.73 मीटर तक पहुंच गया। डैम की अधिकतम क्षमता 527.91 मीटर है। इससे पहले अधिकतम जलस्तर 525 मीटर रहा है। अधिकारी खुश हैं कि डैम पहली बार लबालब भरा है। इतने जलस्तर से चारों यूनिट चलाकर बिजली पैदा की जा सकती  है। दो दिन पहले ऐसा किया भी गया था, लेकिन आमतौर पर चारों यूनिट को इसलिए नहीं चलाया जाता क्योंकि ऐसा करने पर पानी पाकिस्तान को छोडऩा पड़ता है।

भाखड़ा डैम का जलस्तर 1660.24 फीट तक पहुंचा

भाखड़ा नंगल डैम के जलस्तर 1660.24 फीट तक पहुंच गया है। यहां 1680 फीट तक पानी जमा किया जा सकता है। अभी भी 20 फीट की क्षमता पानी जमा करने के लिए शेष है। डैम के भरने से अब भाखड़ा ब्यास प्रबंध बोर्ड के भागीदार राज्यों पंजाब, हरियाणा, राजस्थान व दिल्ली के लिए वर्ष भर पानी व बिजली की आपूर्ति उपलब्ध रहने की पूरी उम्मीद है। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों कमजोर मानसून के कारण बीबीएमबी ने पानी की आवक में ऐतिहासिक कमी मानते हुए डैम की जल स्थिति को संकटकालीन घोषित कर दिया था।

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भारत-पाक सीमा पर रावी दरिया का बहाव तेज, बीएसएफ ने बढ़ाई सुरक्षा

अमृतसर। लगातार हुई बारिश के बाद रावी नदी में तेजी से बढ़े जलस्तर के बाद सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने भारत-पाकिस्‍तान सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी है। बीएसएफ के आइजी (फ्रंटियर हेडक्वार्टर, जालंधर) मुकुल गोयल ने पंजाब में पाकिस्तान से सटी सीमाओं पर गश्त तेज करने की हिदायत दी है। उन्होंने सीनियर अधिकारियों को भी गश्त का हिस्सा बनाते हुए लगातार दरियाई सीमा पर नजर रखने को कहा है।

गौर हो कि दरिया में बढऩे वाले जलस्तर और सर्दियों में धुंध सीमा पार बैठे तस्करों के लिए घुसपैठ और तस्करी की राह आसान कर देती है। सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान से सटी  सीमा पर होने वाली घुसपैठ और तस्करी की घटनाओं को रोकने के लिए बीएसएफ द्वारा अत्याधुनिक सुरक्षा उपकरण लगाए गए हैं। इससे घुसपैठ की जानकारी तुरंत मिल जाती है। वहीं केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी दावा किया है कि देश की सीमाओं को आधुनिक सुरक्षा उपकरणों से सुसज्जित किया जा रहा है। देश की सीमाओं पर लगाए जाने वाले सुरक्षा उपकरणों (सर्वेलांस) का ट्रायल भी हो चुका है।

मुकुल गोयल ने बताया कि तस्कर और घुसपैठिए अकसर इसी तरह के मौकों की इंतजार में रहते हैं जब बारिश के पानी और दरियाओं के किनारों या पानी में जंगली बूटी झाडिय़ों का रूप ले लेती है। इसे देखते हुए सीमा पर लूड होल्स (लूज प्वाइंट्स) का खाका तैयार कर दरियाओं के पानी के बढ़े स्तर को देखते हुए अजनाला, रमदास, खेमकरण, डेरा बाबा नानक और फिरोजपुर आदि दरियाई क्षेत्रों में चौकसी बढ़ा दी गई है।


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