एलीफेंट सफारी से करें कान्हा नेशनल पार्क की सैर
मध्य प्रदेश के कान्हा नेशनल पार्क में बाघ और शेर को नजदीक से एलीफेंट सफारी से देख सकेंगे।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : मध्य प्रदेश के कान्हा नेशनल पार्क में बाघ और शेर को नजदीक से एलीफेंट सफारी से देख सकेंगे। कोरोना महामारी के बाद मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग ने पहली बार कान्हा पार्क में एलीफेंट सफारी को शुरू किया है। 15 अक्टूबर से लेकर मई 2022 तक किसी भी समय एलीफेंट सफारी का इंज्वाय किया जा सकता है। यह जानकारी हिमाचल भवन सेक्टर-28 में चल रही इंडिया ट्रेवल मार्ट एग्जीबिशन में मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड के असिस्टेंट मैनेजर सौरभ पांडे ने दी। सौरभ ने बताया कि कान्हा पार्क को देखने के लिए हजारों पर्यटक हर साल मध्य प्रदेश पहुंचते हैं, लेकिन सुरक्षा को देखते हुए हर बार उन्हें रोका जाता था, लेकिन इस बार से ऐसा नहीं होगा। कोई भी पर्यटक 5 से 10 फीट की दूरी से बाघ को शेर को निहार सकेगा। जल महोत्सव में मिलेगा हाउस वोट का लुत्फ
सौरभ ने बताया कि नवंबर-दिसंबर 2021 में होने वाले जल महोत्सव में डल झील की तर्ज पर हाउस वोट को शुरू किया जाएगा। जल महोत्सव इंदिरा सागर बांध पर कराया जाएगा, जिसमें पानी से जुड़ी विभिन्न एक्टीविटी भी पर्यटकों के लिए रहेगी। यह एक्टीविटी जल से लेकर पृथ्वी और हवा में होंगे जोकि पर्यटकों को रोमांच से भर देगी। दो से तीन दिन की टूअर पैकेज लेकर कोई भी पर्यटक पूरे इंदिरा सागर बांध को देख सकता है।
मिनी गोवा के नाम से जाना जाता है इंदिरा गांधी बांध
सौरव पांडे ने कहा कि जल महोत्सव में हाउस वोट और विभिन्न एक्टीविटी को बढ़ाने का मुख्य कारण इंदिरा गांधी बांध का क्षेत्रफल है। यह बांध सैकड़ों स्क्वेयर फीट है। इसी कारण से जो लोग गोवा नहीं जा सकते वह इस स्थान को महत्व देते थे।
सेफ डेस्टिनेशन फार वूमेन ट्रेवलर को किया मध्यप्रदेश पर्यटन विभाग ने शुरू
पर्यटकों की सुरक्षा के बारे में रेजिडेंट मैनेजर देवेंद्र राय ने बताया कि मध्य प्रदेश में पर्यटकों की सुरक्षा भी अहम है। मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग ने मिनिस्ट्री आफ वूमेन एंड चाइल्ड वेलफेयर के सहयोग से सेफ डेस्टिनेशन फार वूमेन ट्रेवलर को शुरू किया है। जिसमें हर होटल में सुरक्षा के लिए महिला सुरक्षा कर्मचारी मौजूद रहेंगे। पर्यटक को होटल के कमरे से लेकर हर पर्यटक स्थल पर महिला सुरक्षा कर्मचारी मिलेगी ताकि पर्यटक को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करने पड़े।